Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के एक किसान गिरजा निषाद ने अपनी पुश्तैनी खेती में बदलाव कर गुलाब की खेती शुरू की और आज वह हर साल लाखों रूपये कमा रहे हैं. गिरजा ने अपने खेतों में डच के गुलाब की पैदावार शुरू की है. आज इन गुलाबों की मांग राज्य के अन्य बड़े शहरों में भी है.
राज्य सरकार भी किसानों को फूलों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है और राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत फूलों की खेती के लिए पॉलीहाउस का निर्माण भी किया जा रहा है. इसके अलावा उद्यान विभाग द्वारा विभिन्न तकनीक का मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराया जाता है.
गिरजा निषाद अपने एक एकड़ के खेत में फूलों की खेती कर हर दिन 9 से 10 हजार रूपए की कमाई कर लेते हैं. उन्होंने अपने खेतों के में डच वैरायटी के गुलाब के पौधों की रोपाई की है. गिरजा के एक एकड़ के खेत में लगभग एक क्विंटल फूल का उत्पादन हो जाता है.
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गिरजा ने बताया कि पॉलीहाउस में फूलों की देखभाल के लिए मजदूरों को भी रखा है. उन्होंने कहा कि अन्य फसलों में तीन से चार माह की कड़ी मेहनत के बाद उत्पादन मिलता है, जबकि गुलाब की खेती में रोपण के दो से तीन महीने में ही उत्पादन शुरू हो जाता है और यह तीन वर्षों तक चलता है.
किसान गिरजा निषाद को गुलाब की खेती और पॉलीहाउस निर्माण के लिए राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड से 31 लाख रुपए की सब्सिडी मिली है. उन्होंने बताया कि गुलाब को फूलों का राजा कहा जाता है और इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजारो में भी बहुत मांग है. गुलाब के फूलों से गुलकंद, गुलाब जल, गुलाब का तेल, प्रसाधन की सामग्री, साबुन, इत्र बनाए जाते हैं.