Dairy Farming: डेयरी फार्मिंग के लिए 42 लाख रुपये तक के लोन पर 33% तक की सब्सिडी, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया PM Kisan Yojana Alert: जिन किसानों का नाम लिस्ट से हटा, आप भी उनमें तो नहीं? अभी करें स्टेटस चेक Success Story: सॉफ्टवेयर इंजीनियर से सफल गौपालक बने असीम रावत, सालाना टर्नओवर पहुंचा 10 करोड़ रुपये से अधिक! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 2 October, 2023 2:19 PM IST
ICAR scientist developed procedure agriculture

हर एक फिल्ड में आज कई तरह के अनुसंधान हो रहे हैं. कई विषयों पर भी पर शोध और प्रयोग चल रहा है. जिसका परिणाम हमें हैरान कर देता है साथ ही साथ ही ये सोचने को मजबूर कर देता है कि अरे! ऐसा भी हो सकता है. हर क्षेत्र में विज्ञान बहुत ही तेजी से तरक्की पा रहा है. जिसमें कृषि जगत भी पिछे नहीं है. इस फिल्ड में भी काफी तेजी से अनुसंधान हो रहै है.ऐसे में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने एक ऐसा अनुसंधान किया है कि जो सबको हैरान कर रहा है.

    भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने एक ऐसा फसल तैयार किया है जिसमें एक ही पौधे में से बैंगन,टमाटर और मिर्च की फसल तैयार कर सकते हैं. आईये जानते है इस फसल के बारे में विस्तार से...

कृषि वैज्ञानिकों को 5 साल रिसर्च करने के बाद मिली सफलता

एक ही पौधे से बैंगन,टमाटर,और मिर्ची की खेती करने के लिए किसानों ने करीब पांच सालों तक इसपर शोध किया किया फिर जाकर इस पर जाकर सफलता मिली.वैज्ञानिकों ने अपने विशेष तकनीकि के माध्यम से एक ऐसा पौधा तैयार किया जिसमें एक ही पौधे से बैंगन,टमाटर और मिर्ची का उत्पादन हो सकेगा.इन पौधों को ब्रिमेटो और प्रोमैटो नाम दिया गया है.

कैसे तैयार किए जाते हैं ये पौधे

 वैज्ञानिकों ने अपने अथक परिश्रम से ये सफलता हासिल की है. इसमें उन्होंने बैंगन, टमाटर और मिर्ची के पौधे के तीन कलम बांधकर पौधे तैयार करने में ज्यादा पोषक तत्वों की जरुरत होती है.इसे तैयार करने में 50 से 60 दिनों का समय लग सकता है.

ये है ग्राफ्टिंग तकनीक

  इस पौधे को तैयार करने के लिए सबसे पहले एक सब्जी के पौधे की नर्सरी तैयार की जाती है उसके बाद उसमें कलम बांधकर दूसरे पौधे की नर्सरी को में लगाते हैं। इतना करने के बाद पौधे को मौसम के अनुकूल और उर्वरक, पानी और जरुरी पोषक तत्व दी जाती है। इस तकनीकी से जैविक और अजैविक तना के प्रबंधन कर उत्पादन में 10 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। ग्राफ्टिंग तकनीक से तैयार पौधे का उत्पादन ज्यादा होता है।

इसे भी पढ़ें : किसान ने जुगाड़ से बनाया 'देसी ट्रैक्टर',1 लीटर तेल में करता है 10 कट्ठा खेत की जुताई

किसानों को देंगे सात हजार पौधे

इस अनुसंधान के बाद इसकी खेती करने के लिए या ये कह लें इस पद्धति को लोगों को बताने के लिए पोमैटो व ब्रीमैटो के पौधे किसानों को दिए जा रहे है. आने वाले माह सात हजार और पौधे दिए जाएंगे. इसके लिए दो हजार से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. उन्हें ग्राफ्टिंग चैंबर व डिब्बे में तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे खुद तैयार कर सकें.

English Summary: brinjal tomato chilli grow in same plant ICAR scientist developed procedure agriculture news
Published on: 02 October 2023, 02:27 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now