बैंगन की खेती से किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इसका सेवन सेहत के लिए लाभकारी है. विशेषज्ञों की माने तो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम रखने में बैंगन असरदार है. इसमें पोटेशियम व मैंगनीशियम के साथ ही विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है. यही कारण है कि आज के समय में बैंगन की मांग बढ़ने लगी है. इस लेख में हम आपको बताएंगें कि कैसे आप कम से कम लागत में बैंगन की उन्नत खेती कर सकते हैं.
उन्नत किस्में
बैंगन की खेती से पहले इसके उन्नत किस्मों के बारे में जानना जरूरी है. बैंगन की बहुत सी किस्में हैं, लेकिन मुख्य तौर पर हिसार बहार, बीआर 112 और हिसार शायमल लोकप्रिय है. हिसार बहार एक उच्च पैदावार वाली किस्म है, जबकि बीआर 112 का पौधा झाड़ी के आकार का होता है और उसकी उपज लगभग 100 क्विंटल प्रति एकड़ होती है. इसी तरह हिसार शायमल की पैदावार लगभग 100 क्विंटल प्रति एकड़ होती है.
भूमि
बैंगन की खेती के लिए रेतीली मिट्टी उपयुक्त मानी गयी है. इसकी खेती साल में तीन बार की जाती है. सर्दियों के मौसम की फसल के लिए बुवाई जून और जुलाई के महीनेमें होती है, जबकि गर्मियों के मौसम के लिए अक्टूबर और नवंबर एवं बारिश के मौसम में फसल की बुवाई मार्च में की जाती है.
सिंचाई
गर्मियों के समय में सप्ताह में एक बार सिंचाई की जरूरत पड़ती है, जबकि सर्दियों के दिनों में 2 सप्ताह में एक बार (लगभग 14 दिनों के अंतराल पर)सिंचाई की जरूरत होती है.
तुड़ाई
बैंगन की तुड़ाई फल पकने से थोड़े समय पहले की जाती है. इसकी तुड़ाई के समय इसके आकार और रंग का खास ख्याल रखना चाहिए. मंडी में अच्छा रेट लेने के लिए फलों का चिकना और आकर्षक दिखना जरूरी है.
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