चिया सीड्स कोई साधारण बीज नहीं, बल्कि इनका औषधीय महत्व भी है. ओमेगा-3 फैटी एसिड के गुणों से भरपूर चिया सीड्स इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करता है. इसमें मौजूद कैल्शियम, फाइबर, प्रोटीन और तमाम मिनरल्स जैसे पोषक तत्व दिल और दिमाग के साथ शरीर को तंदुरुस्त रखते हैं बड़े-बड़े शहरों में लोग चिया सीड्स को पानी या दूध में मिलाकर खाते हैं. स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होने के कारण मार्केट में इसकी कीमतें अच्छी बनी रहती हैं. इसलिए किसान चिया सीड्स की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आइये जानते हैं खेती का तरीका
जलवायु- चिया बीज की खेती के लिए शुष्क जलवायु की जरूरत होती है. खेती के लिए तापमान 20 से 25°C उचित माना जाता है, चिया बीज के लिए मध्यम तापमान की जरूरत होती है. मध्यप्रदेश और राजस्थान का तापमान इसकी फसल के लिए सबसे अच्छा होता है.
भूमि का चयन- वैसे तो चिया बीज को अगल-अलग तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है लेकिन खेती के लिए उचित जल निकासी वाली हल्की भुरभुरी और रेतीली मिट्टी को उपयुक्त माना गया है. पौधों के अच्छे विकास के लिए 6.0 और 8.0 ph मान वाली मिट्टी अच्छी मानी जाती है.
खेत की तैयारी- चिया सीड्स की उन्नत खेती करने के लिए खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए ताकि पुरानी फसल के अवशेष और खरपतवार नष्ट हो जायें और खेत की उर्वराशक्ति को बरकरार रखने के लिए जरूरत के हिसाब से गोबर की खाद डालकर पलेवा कर देना चाहिए. पलेव करने के बाद खेती की ऊपरी परत सूखने पर कल्टीवेटर से 2-3 जुताई कर मिट्टी को भुरभुरी और समतल कर लेना चाहिए.
बुवाई का समय- खेती के लिए बुवाई का समय खरीफ में जून से जुलाई और रबी के मौसम में अक्टूबर से नवम्बर उचित माना जाता है.
बीज मात्रा और उपचार- चिया सीड्स की एक एकड़ खेती के लिए 1 -1.5 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है. बुवाई से पहले बीज को 2.5 ग्राम/किलो बीज की दर से केप्टान या फिर थीरम फफूंदनाशक से उपचारित करें.
बुवाई का तरीका- चिया सीड्स की बुवाई छिटकाव विधि या सीड ड्रिल दोनों से कर सकते हैं. बुवाई करते समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी 40-45 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की बीच की दूरी 25-30 सेंटीमीटर होना चाहिए. बीज की गहराई 1.5 सेमी से अधिक ना हो नहीं तो बीज के जमाव में प्रतिकूल असर पड़ सकता है.
फसल की सिंचाई- चिया सीड्स के अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी होनी जरूरी है. सिंचाई भूमि और जलवायु पर भी निर्भर करती है. रेतीली या रेतीली दोमट मिट्टी में बुवाई के 4 से 5 दिनों बाद सिंचाई करना चाहिए. चिया बीज की फसल पकने के समय सिंचाई नहीं करना चाहिए.
फसल की कटाई- फसल को तैयार होने में करीब 90-120 दिन लगते हैं. बुवाई के लगभग 45 से 50 दिन में ही पौधों पर फूल आने लगता है, इसके बाद करीब 30-35 दिनों में फसल पकने की अवस्था में कटाई की जाती है. बलिया पीली पड़ने लगती हैं इस अवस्था में चिया सीड्स की फसल की कटाई की जा सकती है.
ये भी पढ़ेंः चिया सीड्स की खेती से किसान बन सकते हैं मालामाल, यहां जानें इसका तरीका
लागत और कमाई- एक एकड़ खेत में चिया सीड्स उगाने में 20-30 हजार तक की लागत आती है इसमें बीज और मजदूरी का खर्च शामिल है और एक एकड़ खेत में चिया की सह-फसली खेती करने पर मात्रा 1 किलो बीज लगते हैं, जिनसे 3 महीने में एक क्विंटल उत्पादन मिलता है. चिया सीड्स को मुख्य फसल के रूप में लगाने पर एक एकड़ खेत में 4-5 किलो बीज की जरूरत होती है. जिसमें 6-7 क्विंटल यानी 600-700 किलोग्राम तक उपज मिल जाती है. बाजारों में चिया सीड्स को 1000 से 2000 रुपये प्रति किलो के भाव पर बेचा जाता है ऐसे में 3 महीने में मात्र एक एकड़ जमीन पर चिया बीज की खेती से 6-7 क्विंटल उपज और 6 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं.