देश में हर साल किसान बड़े पैमाने पर धान की खेती करते हैं. लेकिन ज्यादातर अन्नदाताओं को साधारण चावल की खेती से उचित मुनाफा नहीं मिल पाता है. ऐसे में किसानों के लिए काले धान या चावल की खेती फायदेमंद साबित हो सकती है. तो आइए काले चावल की खेती के बारे में विस्तार से जानें.
पोषक तत्वों का खजाना है काला चावल
काले चावल में प्रोटीन, विटामिन बी, विटामिन बी1, बी2, बी3, बी6 और फोलिक एसिड (बी9) मौजूद होते हैं. जो शरीर के लिए आवश्यक होते हैं. इसके अलावा, काले चावल में फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, कैल्शियम, सोडियम, पोटेशियम, आयरन और जिंक जैसे खनिज भी पाए जाते हैं. जो बॉन्स की सुरक्षा, खून का निर्माण, मांसपेशियों के कार्यों का समर्थन और अच्छी सेहत के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. वहीं, इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर भी मौजूद होता है.
इन राज्यों में होता है काला चावल
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर काले चावल की खेती होती है. बता दें कि काला चावल सफेद चावल की तुलना में ज्यादा अच्छा माना जाता है. काले चावल में सफेद चावल से ज्यादा पोषक तत्व मौजूद होते हैं. काला चावल खाने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और कब्ज की समस्या से राहत मिलती है. काले चावल में कार्बोहाइड्रेट्स की अधिक मात्रा होती है. जो शरीर को ऊर्जा उपलब्ध कराने में मदद करती है. काले चावल की खेती किसी भी मिट्टी में संभव है. गर्मी का मौसम इस चावल की खेती के लिए उपयुक्त होता है. खास बात यह है कि फसल लगाने के बाद काले चवाल का उत्पादन सफेद चावल से ज्यादा होता है.
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काले चावल से इतनी कमाई
अब अगर काले चावल से कमाई की बात करें तो बाजार में इसकी कीमत लगभग 400 से 500 रुपये प्रति किलो होती है. वहीं, सफेद चावल ज्यादा से ज्यादा 30 से 40 रुपये किलो के हिसाब से बिकते हैं. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसान काले चावल की खेती से साल में कितनी कमाई कर सकते हैं.