बिहार सरकार राज्य में मखाने की खेती को बढ़ावा दे रही है. इस कारण राज्य के किसान भी कम लागत में अच्छा मुनाफा होने के कारण इसमें अपनी रुचि भी दिखा रहे हैं. बिहार सरकार द्वारा मखाना की खेती शुरू करने वाले किसानों को बंपर सब्सिडी प्रदान करने जा रही है.
मखाना के उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की खरीद के लिए उद्यानिकी विभाग शासन द्वारा 75 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है. इसकी यूनिट कॉस्ट 97 हजार रुपए है. इस सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान भाई बिहार कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार, व्यक्तिगत निवेशकों के लिए 15 प्रतिशत और किसान उत्पादक संगठन के लिए 25 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता दी जा रही है. बिहार की जलवायु मखाना की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है. पूरे देश का 80 फीसदी मखाना बिहार में ही पैदा होता है. इसके अलावा इसकी खेती असम, मेघालय और ओडिशा में की जाती है.
मखाना की खेती के लिए जलाशयों, तालाबों और तराई के रुके हुए पानी में की जाती है. इसके लिए चिकनी दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है. इसे धान के साथ भी उगाया जा सकता है. वर्तमान समय में इसकी खेती से किसान आसानी से प्रति हेक्टेयर 3 से 4 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं.
इसके सेवन से शारीरिक समस्या के साथ-साथ मानसिक संतुलन भी बना रहता है. वजन कम करना, डायबीटीज, पेट की समस्या आदि चीजों में लाभकारी होता है. यह प्रोटीन का एक अच्छा श्रोत होता है. मखाना को भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में इस्तेमाल किया जाता है. यह सूखे मेवे की श्रेणी में आता है. लोग इसे भून कर खाना पसंद करते हैं. इसे खीर में भी इस्तेमाल किया जाता है.