Paan Ki Kheti: पान की खेती किसानों के लिए बहुत ही लाभकारी होती है. क्योंकि आज के समय में लगभग सभी लोगों को पान खाना बेहद पसंद होता है. ऐसे में अगर किसान अपने खेत में पान की खेती करते हैं, तो वह पान से अच्छी मोटी कमाई कर सकते हैं. बता दें कि पान की खेती से जुड़े कार्य जनवरी महीने में ही शुरू हो जाते है और फरवरी महीने तक इसके कार्यों को पूरा कर लिया जाता है. ऐसे में आज हम जानते हैं कि किसान अपने खेत में पान की खेती किस तरह से करें. ताकि वह कम समय व कम लागत के साथ अधिक पैदावार प्राप्त कर सके.
पान की खेती से अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए. जैसे कि खेत में एक से दो बार गहरी जुताई करके उसे खुला छोड़ देना चाहिए और फिर मेड़बंदी कर देनी चाहिए.
पान की खेती के लिए जरूरी बातें
पान की खेती के लिए वातावरण अनुकूल होना चाहिए. इसकी खेती उन इलाकों में सही तरीके से होती है, तो जहां पर बारिश से नमी बनी रहती है. पान की खेती के लिए न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. इसलिए किसान को इसकी खेती के लिए नमी और छायादार वाले स्थान का चयन करना चाहिए.
पान की खेती से अच्छी पैदावार के लिए किसान को खेत की अच्छे से जुताई करनी चाहिए और साथ ही ध्यान रहे कि खेत में पुरानी फसल के अवशेष न बचें. फिर किसान को खेत में खाद डालकर खुला छोड़ देना चाहिए. इसके बाद किसान को बरेजा बनाने से पहले ही खेत की जुताई करनी चाहिए. ताकि खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाए.
बरेजा के लिए सबसे पहले खेत में 1-1 मीटर की दूरी पर बांस के डंडे गाढ़ दें, जिसके बाद इनके ऊपर पिंचियों को बांधकर छप्पर जैसा बना लें और फिर उन्हें अच्छे से बांध लें. ताकि तेज हवा से पौधे को नुकसान न पहुंच सके.
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इसके बाद किसान को पान की बेल की रोपाई पर ध्यान देना चाहिए. पान की बेल की रोपाई पंक्तियों में की जाती है. इसके लिए पंक्तियों के बेलों को अलग कर करीब 15-20 सेंटीमीटर की दूर हर बेल के बीच होना चाहिए. रोपाई के बाद खेत में तराई के लिए पानी डालें. पान की बेल की रोपाई का अच्छा समय शाम का माना गया है. इस समय बेल खराब होने की संभावना कम होती है.