Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 13 January, 2024 12:52 PM IST
पान की खेती (Image Source: Pinterest)

Paan Ki Kheti: पान की खेती किसानों के लिए बहुत ही लाभकारी होती है. क्योंकि आज के समय में लगभग सभी लोगों को पान खाना बेहद पसंद होता है. ऐसे में अगर किसान अपने खेत में पान की खेती करते हैं, तो वह पान से अच्छी मोटी कमाई कर सकते हैं. बता दें कि पान की खेती से जुड़े कार्य जनवरी महीने में ही शुरू हो जाते है और फरवरी महीने तक इसके कार्यों को पूरा कर लिया जाता है.  ऐसे में आज हम जानते हैं कि किसान अपने खेत में पान की खेती किस तरह से करें. ताकि वह कम समय व कम लागत के साथ अधिक पैदावार प्राप्त कर सके.

पान की खेती से अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए. जैसे कि खेत में एक से दो बार गहरी जुताई करके उसे खुला छोड़ देना चाहिए और फिर मेड़बंदी कर देनी चाहिए.

पान की खेती के लिए जरूरी बातें

पान की खेती के लिए वातावरण अनुकूल होना चाहिए. इसकी खेती उन इलाकों में सही तरीके से होती है, तो जहां पर बारिश से नमी बनी रहती है. पान की खेती के लिए न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. इसलिए किसान को इसकी खेती के लिए नमी और छायादार वाले स्थान का चयन करना चाहिए.

पान की खेती से अच्छी पैदावार के लिए किसान को खेत की अच्छे से जुताई करनी चाहिए और साथ ही ध्यान रहे कि खेत में पुरानी फसल के अवशेष न बचें. फिर किसान को खेत में खाद डालकर खुला छोड़ देना चाहिए. इसके बाद किसान को बरेजा बनाने से पहले ही खेत की जुताई करनी चाहिए. ताकि खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाए.

बरेजा के लिए सबसे पहले खेत में 1-1 मीटर की दूरी पर बांस के डंडे गाढ़ दें, जिसके बाद इनके ऊपर पिंचियों को बांधकर छप्पर जैसा बना लें और फिर उन्हें अच्छे से बांध लें. ताकि तेज हवा से पौधे को नुकसान न पहुंच सके.

ये भी पढ़ें: पान की खेती करने वालों के लिए सुनहरा मौका, सरकार दे रही है सब्सिडी, ऐसे उठाएं लाभ

इसके बाद किसान को पान की बेल की रोपाई पर ध्यान देना चाहिए. पान की बेल की रोपाई पंक्तियों में की जाती है. इसके लिए पंक्तियों के बेलों को अलग कर करीब 15-20 सेंटीमीटर की दूर हर बेल के बीच होना चाहिए. रोपाई के बाद खेत में तराई के लिए पानी डालें. पान की बेल की रोपाई का अच्छा समय शाम का माना गया है. इस समय बेल खराब होने की संभावना कम होती है.

English Summary: betel cultivation paan ki kheti betel cultivation process betel leaf growing tips betel crop cultivation betel farming hindi
Published on: 13 January 2024, 12:56 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now