शिमला मिर्च की मांग हर मौसम में बनी रहती है और इस सब्जी का इस्तेमाल ढाबों से लेकर होटलों तक में किया जाता है। सर्दियों के मौसम में इसकी मांग तेजी से बढ़ती है, जिसके चलते यह सब्जी किसानों की आय का नया स्रोत बन गई है। साथ ही ताजा उत्पादन और बेहतर बाजार कीमतों के कारण किसान इस फसल की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं और बाजारों में बेचकर अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं।
शिमला मिर्च की खेती
शिमला मिर्च की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा बनती जा रही है और इस फसल की खेती से किसानों की आय में भी इजाफा हो रहा है। अगर बात करें किसानों के मुनाफे की तो यह इस प्रकार है –
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इस फसल की खेती में लगभग एक बीघा में 15,000 से 20,000 रुपये का खर्च आता है।
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इस सब्जी की सिर्फ एक फसल किसानों को अच्छी कमाई करने में मदद कर रही है। इस खेती से किसान लगभग 1 लाख से 1.5 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा रहे हैं।
खेती की प्रक्रिया
किसान अगर शिमला मिर्च की खेती करना चाहते हैं तो पहले वे नर्सरी से शुरुआत करें और खेत में कम से कम दो से तीन बार जुताई करें। इसके बाद किसान पाटा चलाकर मिट्टी को भुरभुरा कर लें। इसके बाद बेड तैयार कर पन्नी मल्चिंग करें और निश्चित दूरी पर पौधे रोपें ताकि फसल अच्छी पैदावार दे।
सिंचाई और पोषण प्रबंधन
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पौधों को रोपण के तुरंत बाद सिंचाई जरूर करें।
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ड्रिप इरिगेशन का इस्तेमाल करें ताकि फसलों की जड़ों तक पानी की सही मात्रा पहुंच सके।
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समय-समय पर जैविक और रासायनिक खाद डालते रहें।
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रोग-कीट नियंत्रण के लिए हल्का छिड़काव खेतों में करते रहें।
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करीब 60 दिन में फसल तैयार हो जाती है और किसान इसे सीधे मंडियों या थोक बाजारों में बेच सकते हैं।
क्यों बन रही है शिमला मिर्च किसानों की पसंद?
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इस फसल से किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं।
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सर्दियों में शिमला मिर्च की मांग सबसे ज्यादा होती है।
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इस फसल के पौधों की देखभाल आसान होती है।
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सालभर बाजार में शिमला मिर्च की अच्छी कीमत मिल जाती है।
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वहीं, होटल, रेस्टोरेंट और फास्ट फूड इंडस्ट्री में भी इस सब्जी की भारी मांग है।