RFOI Award 2025: UP के सफल किसान मनोहर सिंह चौहान को मिला RFOI अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI - First Runner-Up: सफल किसान लेखराम यादव को MFOI Awards 2025 में मिला RFOI-फर्स्ट रनर-अप अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI Award 2025: केरल के मैथ्यूकुट्टी टॉम को मिला RFOI Second Runner-Up Award, 18.62 करोड़ की सालाना आय से रचा इतिहास! Success Story: आलू की खेती में बढ़ी उपज और सुधरी मिट्टी, किसानों की पहली पसंद बना जायडेक्स का जैविक समाधान किसानों के लिए साकाटा सीड्स की उन्नत किस्में बनीं कमाई का नया पार्टनर, फसल हुई सुरक्षित और लाभ में भी हुआ इजाफा! Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 16 June, 2020 11:58 AM IST
केले की नर्सरी बनाने का तरीका

भारत में जो कुछ वाणिज्यिक खेती होती है उसमें केले की नर्सरी भी शामिल है. केले की नर्सरी किसानों के लिए मुनाफे का कारोबार साबित होने लगा है. इसमें लागत कम आती है और ग्रामीण क्षेत्रों में किसान आसानी से केले की नर्सरी कर आय कर सकते हैं. कम समय में एक-डेढ़ माह के अंदर ही किसानों को केले की नर्सरी से अच्छी खासी आय हो जाती है.

केले की नर्सरी की खेती उत्तर प्रदेश के लखनऊ,  इटौंजा, गोरखपुर और कौशाम्बी आदि क्षेत्रों में व्यापक रूप में होने लगी है. केले की नर्सरी तैयार करने में करीब 25 से 30 दिन का समय लगता है. समय कम लगने के साथ-साथ किसानों के लिए कम लागत में यह एक अच्छा आय का साधन बनता जा रहा है. केले की नर्सरी में टिशू कल्चर यानी उत्तक संवर्धन की प्रक्रिया अपनाई जाती है. इसलिए कम समय में पौधा तैयार हो जाता है और किसान अपने फसल का मूल्य प्राप्त कर लेते हैं.

वैसे तो केले की नर्सरी साल भर में किसी भी समय शुरू की जा सकती है. लेकिन मई और जून का महीना केले की नर्सरी की खेती के लिए अच्छा समय माना जाता है. जून तक नर्सरी तैयार हो जाने के बाद जुलाई और अगस्त में केले का पौधा रोपपण शुरू हो जाता है. फल उत्पादन में भारत में केले का स्थान तीसरे नंबर पर आता है. भारत में कुल फल उत्पदान में केले की भागीदारी 33 प्रतिशत है और यह प्रायः पूरे वर्ष उपलब्ध रहने वाला पौष्टिक तत्वों से परिपूर्ण है.

महराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में केले का उत्पादन होता है. देश में महाराष्ट्र केला के उत्पादन में अग्रणी राज्य है.

केले की नर्सरी की विधिइसके लिए एक पॉली बैग की जरूरत पड़ती है. सबसे पहले एक पॉली बैग लेकर उसमें मिट्टी और गोबर की खाद बराबर-बराबर भरना पड़ता है. जून के पहले सप्ताह में पॉलीबैग में मिट्टी और गोबर की खाद भरकर एक लाइन से क्रमबार रख देते हैं. इसके बाद इसकी सिचाईं कर देते हैं. समय समय पर बावस्टीन और एनपीके19 का छिड़काव करना पड़ता है. लगभग एक माह के अंदर नर्सरी की खेती तैयार हो जाती है. प्रत्येक राज्य में कृषि आधारित विभिन्न शैक्षणिक संस्थान किसानों को केले की नर्सरी तैयार करने के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान करते हैं. प्रशिक्षण के लिए किसान सरकारी कृषि शैक्षणिक संस्थानों से संपर्क कर सकते हैं जहां उन्हें निशुल्क सलाह मिल जाएगी.

ये खबर भी पढ़ें: पशुओं के दूध बढ़ाने में सहायक है गिनी घास, बरसात में ऐसे करें बुवाई

केले की नर्सरी से मुनाफाः व्यापक रूप में वाणिज्यिक केले की नर्सरी एक बीघा में शुरू की जा सकती है. एक बीघा में एक लाख पौधे तैयार हो जाएंगे. एक लाख पौधों की नर्सरी की खेती में में 9-10 लाख रुपए खर्च करने पड़ेंगे. नर्सरी तैयार हो जाने के बाद  एक पौधा कम से कम 15 रुपए में बिकता है. छोटे और मझोले किसान कम जमीन और कम लागत में भी केले की नर्सरी करने का विकल्प चुन सकते हैं. केले की नर्सरी की खेती कर 25-30 दिनों में ही कोई भी किसान लागत का डेढ़ गुणा मुनाफा कमा सकता है. किसानों के लिए केले की नर्सरी फायदेमंद कारोबार साबित हो रहा है.

English Summary: Banana nursery is a profitable business for farmers
Published on: 16 June 2020, 12:01 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now