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Updated on: 3 March, 2023 1:00 PM IST
कुमकुम भिंडी की खेती

देश में अब सेहत के आधार पर खेती की जा रही है यानि की सेहतमंद फसलों को ज्यादा तवज्जों दी जा रही है ऐसे में कुमकुम भिंडी की खेती को बहुत ज्यादा पसंद किया जाने लगा है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और आयरन भरपूर मात्रा में होता है. लाल भिंडी में करीब 94 प्रतिशत पॉली अनसैचुरेटेड फैट होता है.जो खराब कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने में मदद करता है साथ ही लाल भिंडी में 66 फीसदी सोडियम की मात्रा हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करती है इसके सेवन से मेटाबॉलिक सिस्टम ठीक होता है साथ ही आयरन एनीमिया की कमी को दूर करती हैइतना ही नहीं इसमें एंथोसायनिन और फेनोलिक्स होता है जो जरूरी पोषक मूल्य को बढ़ाता हैविटामिन बी कॉम्‍प्‍लेक्‍स भी होता है फाइबर शुगर को कम करता है. इतने सारे गुणों की वजह से कुमकुम भिंडी की डिमांड ज्यादा रहती है. इसलिए किसानों को कुमकुम भिंडी की खेती के बारे में जानकारी दे रहे हैं. 

उपयुक्त मिट्टी

कुमकुम भिंडी की खेती करने के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती हैअच्छी पैदावार और गुणवत्ता युक्त फल के लिए उचित जल निकासी वाला खेत और खेत की मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच तक का होना चाहिए. 

जलवायु

खेती करने के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु उपयुक्त होती हैकुमकुम भिंडी की खेती खरीफ और रबी दोनों ही मौसमों में की जाती हैपौधे को अधिक बारिश की ज्यादा जरूरत नहीं होती हैअधिक गर्मी और अधिक सर्दी कुमकुम भिंडी की खेती करने के लिए अच्छी नहीं होतीसर्दियों में पड़ने वाला पाला फसल को नुकसान पहुंचाता है. पौधों को सही ढंग से विकास करने के लिए दिन में लगभग घंटे तक की धूप की जरूरत होती है.

खेती का सही समय

लाल भिंडी की खेती साल में दो बार की जा सकती है. कुमकुम भिंडी की बुवाई का आदर्श समय फरवरी से शुरू होकर अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक होता हैजून से जुलाई महीने में भी इसकी बुवाई खेतों में की जा सकती हैदिसंबर-जनवरी में वृद्धि कम होगीलेकिन फरवरी से फल आना शुरू हो जाएंगेजो नवंबर तक उपलब्ध रहेंगे. 

खेत की तैयारी

कुमकुम भिंडी की खेती करने के लिए खेत की मिट्टी पलटने वाले हल से या कलटीवेटर की मदद से खेत की से बार जुताई करनी चाहिएफिर खेत को कुछ दिनों के लिए खुला छोड़ दें. इसके बाद खेत में 15 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से पुरानी सड़ी गोबर की खाद को डालकर खेत की फिर से से बार तिरछी जुताई करेंफिर खेत में पानी लगाकर खेत का पलेव कर देंपलेव के दो-तीन दिन बाद जब खेत के ऊपर की मिट्टी सूखने लगे तब खेत की 1- 2 बार रोटोवेटर की मदद से जुताई करके पाटा लगाकर खेत को समतल कर दें.

ये भी पढ़ेंः मुनाफे के साथ सेहत भी बनाएगी कुमकुम भिंडी, जानिए कैसे?

सिंचाई

कुमकुम भिंडी की फसल में सिंचाई हरी भिंडी की तरह ही होती है,  मार्च के महीने में 10 से 12 दिन के अंतराल मेंअप्रैल में से दिन के अंतराल में और मई-जून में से दिन के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिएबारिश के मौसम में यदि बराबर बारिश होती है तो सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती. रबी सीजन में बुवाई करने पर 15 से 20 दिन के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए.

English Summary: Amazing profit in kumkum okra cultivation, increasing demand abroad
Published on: 03 March 2023, 10:49 AM IST

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