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Updated on: 1 April, 2019 4:32 PM IST

पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा 105वां किसान मेला 07 से 10 मार्च 2019 तक आयोजित किया गया. मेले में सभी क्षेत्र के किसानों की भागीदारी बढ़ाने के लिए मेले को ‘उत्तर क्षेत्रीय कृषि मेला-सह-105वां अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी’ का नाम दिया गया.

उत्तराखंड के गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि औद्योगिक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. चार दिवसिय किसान मेले का आयोजन 07 मार्च से 10 मार्च तक किया गया. मेले का उद्घाटन समारोह भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना, मेले का उद्घाटन प्रगतिशील कृषक पद्मश्री भारत भूषण त्यागी ने किया. इस अवसर पर स्थानीय विधायक राजेश शुक्ला विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ.तेज प्रताप भारत सरकार के कृषि एवं किसाल कल्याण मंत्रालय के अपर आयुक्त, डॉ.वाई.आर.मीणा, निदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ.वाई.पी.एस.डबास व अन्य अतिथि एवं वैज्ञानिक मौजूद रहे. मेले के उद्घाटन व शुभारंभ के बाद अतिथियों ने उद्यान प्रदर्शनी का उद्घाटन एवं अवलोकन किया,इसके साथ ही मेले में लगे कई स्टॉलों का भ्रमण करके उनके बारे में भी जानकारियां भी प्राप्त की.

अतिथियों ने गांधी हॉल में किसानों को किया संबोधित

कार्यक्रम के अगले भाग में अतिथियों ने एक-एक कर गांधी हॉल से किसानों को संबोधित किया जिसमें खेती से जुड़ी कई प्रकार की जानकारियां किसानों को दी गई.  मुख्य अतिथि पद्मश्री भारत भूषण त्यागी ने कहा कि इन दिनों किसानों की आय दोगुनी करना एक मुख्य मुद्दा है. इसके लिए समन्वित प्रयास किये जाने की आवश्यकता है. उन्होंने जैविक खेती पर जोर देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा जैविक खेती पर छोटे-छोटे मॉडल लगाये जाने चाहिए. उन्होंने प्रकृति की व्यवस्था समझकर उससे बिना कोई छेड़-छाड़ के खेती किये जाने के तरीके अपनाये जाने पर जोर दिया.

दूसरे मुख्य अतिथि पद्मश्री कंवल सिंह चैहान ने कहा कि भारत में खेती की अपार संभावनाएं हैं तथा आने वाले समय में देश विश्व की फूड फैक्ट्री बन सकता है. उन्होंने रासायनिक खेती पर अनुसंधान कर कुछ वर्षों बाद इस पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश कि. उन्होंने किसानों को समूह बनाकर जैविक खेती करने का सुझाव दिया. उन्होंने कृषि में पशुधन के योगदान क्षेत्र में बढ़ते तथा उनकी महत्ता बताते हुए उनके गोबर व मूत्र का प्रयोग करने तथा स्थानीय नस्लों को बढ़ावा देने की भी बात कही.

उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता कर रहे क्षेत्रीय विधायक, राजेश शुक्ला ने कहा कि देश में विपणन व्यवस्था दुरूस्त करने की जरुरत है. किसानों को अपनी उत्पाद बेचने के लिए काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और उन्हें उत्पादों का उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता है. उन्होंने कहा कि देश के लिए एक बड़ी चुनौती उभर रहा है कि किसान का बेटा आज किसान नहीं बनना चाहता इसपर गहन विचार करने की जरुरत है. उन्होंने आगे कहा जिन क्षेत्रों में हरित क्रांति का प्रभाव सकारात्मक नहीं रहा उन क्षेत्रों में इन्द्रधनुषीय क्रांति लाने की जरूरत है, यानि किसानों की रूचि व क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार कृषि के विभिन्न आयाम जैसे पुष्पोंत्पादन, फलोत्पादन, मशरूम उत्पादन, मुर्गी पालन, पशुपालन, मछली पालन, इत्यादि, को अपनाये जाने की आवश्यकता है.

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.तेज प्रताप ने कहा कि कृषि कुंभ से विख्यात यह किसान मेला किसानों के लिए महत्वपूर्ण आयोजन है, जिससे किसान के खेती करने के नजरियें में बदलाव आता है तथा उसकी खेती बेहतर व लाभप्रद होती है. डॉ.प्रताप ने कहा कि नये दौर की कृषि का असर 2020 से 2050 के बीच होने वाला है तथा जैविक खेती भारत के लिए आवशयक है. उन्होंने कहा कि अभी बहुत कम किसान नये दौर की खेती कर रहें है, जिनसे अन्य किसानों को मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है.

डॉ.वाई.आर. मीणा ने समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि, "पंतनगर विश्वविद्यालय शोध के क्षेत्र में अग्रणी है और यह किसान मेला अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की ख्याति प्राप्त कर चुका है. यह मेला बिना किसी व्यवधान के लगातार आयोजित होता आ रहा है. इस किसान मेले के दौरान किसान कृषि निवेश, बीज, खाद इत्यादि से संबंधित जानकारियों को अर्जित करते हैं और उन्हें अपने खेतों में उपयोग करते हैं." डॉ.मीणा ने कहा कि, मेले में आये किसान भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी लें और उनका लाभ उठायें.

कार्यक्रम के अंत में विशवविद्यालय के निदेशक शोध, डा.एस.एन. तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया. इस अवसर पर मंचासीन अतिथियों द्वारा विभिन्न कृषि साहित्यों का विमोचन भी किया गया, साथ ही उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों से चयनित प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर गांधी हाल में बड़ी संख्या में किसान, विद्यार्थी, वैज्ञानिक, शिक्षक, अधिकारी एवं अन्य लोग उपस्थित थे.

कई राज्यों से आए किसान

मेले का लाभ पाने और नई जानकारियों से रूबरू होने के लिए उत्तराखंड के अलावा राजस्थान, उत्तर प्रदेश व कई अन्य राज्यों के किसान भी मेले में आए थे. पंतनगर के किसान मेले की भवयता इस बात से भी पता लगाया जा सकता है कि यहां नेपाल के किसान भी मेले का हिस्सा बनने आए थे. पौड़ी गढ़वाल से आये किसान, त्रिलोक सिंह बताते हैं कि वो पिछले कई वर्षों से खेती कर रहे हैं. वो आलू, टमाटर, शिमला मिर्च, बंदगोभी, फूलगोभी, व अन्य कई प्रकार की सब्जियों की खेती करते हैं. पंतनगर मेले के बारे में वो बताते हैं कि यह मेला किसानों के लिए काफी फायदेमंद है, इसमें खेती से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है. पंतनगर के किसान आशीष कुमार श्रीवास्तव कहते हैं मेले में कई तरह के स्टॉल लगे हैं जिससे किसानों को जानकारियां और उनके समस्याओं के समाधान में लाभ प्राप्त होगा.

उत्तर प्रदेश के बलिया से आए किसान ओमजी प्रसाद मौर्या कहते हैं कि वो दस एकड़ में धान, गेहूं और सब्जियों की खेती करते हैं. वो कहते हैं कि सब्जी की खेती तो ठीक है लेकिन, धान और गेहूं में उन्हें ज्यादा लाभ नहीं होता है इसीलिए वो इसके जगह पर कुछ अन्य विकल्प तलाश रहे हैं.

रुद्रपुर के किसान राम प्रताप ने बताया कि पिछले कई सालों से आयोजित होने वाला यह किसान मेला किसानों को कई प्रकार से लाभान्वित कर रहा है. किसानों को वैज्ञानिकों दवारा कई प्रकार कि जानकारी दी जाती है. किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को दी जाने वाली बीज.

हालांकि मेले में आये कुछ किसानों ने खेती से जुड़ी अपनी समस्याओं को भी साझा किया. कर्णप्रयाग से आये एक्स कैपट्न प्रेम पाल सिंह व उनके साथ आए किसान बताते हैं कि उनके क्षेत्र में जंगली जानवरों की काफी समस्या है, किसान मेहनत से अपने फसल को तैयार करते हैं लेकिन जानवर (बंदर,लंगूर,खरगोश,त्यादि) उन्हें बर्बाद कर देते हैं. इससे किसानों को नुकसान होता है "मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वो इस विषय पर जल्द कोई निर्णय ले और इसका समाधान करें".   

स्टॉल ने बढ़ाई किसान मेले कि शोभा :

किसानों को लाभ दिलाने और उनतक नई जानकारियों को पहुंचाने के लिए मेले में विश्वविद्यालय के साथ अन्य नीजी स्टॉल्स मेले में लगाए गये थे. जिनमें कृषि विज्ञान केंद्र, बैंक, विधिक सेवा, फर्टिलाईज़र, कैमिकल्स, ट्रैक्टर्स, टायर्स, नर्सरी, सीड्स, यूनिवर्सिटी, कृषि यंत्रों के स्टॉल्स शामिल थे.

विवेक बाल्यान- एल एंड टी एग्री ब्रांड

"किसानों को हम अपनी कंपनी की मोबाईल संचालित  उपकरण दे रहे हैं. जिसकी मदद से किसान अपने समरसेबल पंप और ट्यूबवेल पंप को आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. यह मशीन सीम कि मदद से काम करता है."

पुरन सिंह- मेटामेक्स क्रिएशन प्रा.ली.

हमारे कृषि यंत्र (पॉवर रोटो टीलर) पूरी तरह से स्वदेशी निर्मित हैं. यह पहाड़ी क्षेत्र के किसानों के लिए  वरदान है.

हरमीत सिंह बेदी-

"हमने इस बार जर्मन एग्रो कंपनी 'लेमकेन' के साथ टाई-अप किया है. लेमकेन विश्व में कृषि यंत्रों में सबसे बड़ा नाम है. कंपनी द्वारा निर्मित रिवर्सिबल मोल्ड बोर्ड प्लाऊ किसानों के लिए कई तरह से लाभकारी है."

अभिशेक त्यागी : फाल्कन पंप प्रा.लि.

" फाल्कन ने यहां किसानों के इस्तेमाल के लिए विभिन्न प्रकार के उत्पादों को प्रदर्शित किया है. कंपनी किसानों के हित के लिए कार्य करने में सक्रिय है और कंपनी हमेशा कुछ नयी तकनीक लोगों तक पहुंचाती है.

वहीं एक स्टॉल के प्रमुख ने कहा कि पंतनगर में हर साल आयोजित होने वाला सभी के लिए खास है. उन्होंने विश्वविद्यालय के समक्ष एक सुझाव रखते हुए कहा कि मेले के आयोजन में उन लोगों का भी कुछ सुझाव लेना चाहिए क्योंकि वो लोग इस मेले का पिछले कई वर्षों से हिस्सा हैं. ऐसे ही कई अन्य लोग भी हैं जो मेले को लेकर अपने सुझाव रखना चाहते हैं, तो सभी को सुझाव देने का मौका देना चाहिए.

सुखबीर सिंह : डीलर किर्लोस्कर साइलेंट डीजीसेट

डीजीसेट का इस्तेमाल किसान व अन्य लोग अपने घर और अन्य कार्यों के लिए कर सकते हैं.

कृषकों व कंपनियों को पुरस्कार देकर किया गया समापन समारोह :

पंतनगर का चार दिवसीय किसान मेले का समापन बेहतर प्रदर्शन करने वाले किसानों व कंपनीयों को पुरस्कार देकर किया गया. इस इस अवसर पर गांधी हॉल में मुख्य अतिथि के तौर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.तेज प्रताप मौजूद थे. वहीं! कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रिय विधायक के साथ निदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ.वाई.पी.एस. डबास एवं निदेशक शोध, डा.एस.एन तिवारी ने किया.

सभी ने अपने संबोधन में पंतनगर मेले की उपलब्धियों को लोगों के सामने रखा :

"पंतनगर का किसान मेला वास्तव में कृषि  कुम्भ है क्योंकि ऐसा मेला अन्य किसी कृषि विश्वविद्यालय में नहीं लगाया जाता. विश्वविद्यालय द्वारा लगभग 2,000 कुंतल बीज पूरे वर्ष में दिया जाता है, साथ ही यहां के किसान मेले में आने वाले किसानों की संख्या भी अन्य विश्वविद्यालयों के मुकाबले काफी ज्यादा होती है."

- डॉ. तेज प्रताप (कुलपति, पंतनगर विश्वविद्यालय)

"शिखर पर पहुंचना तो आसान है लेकिन शिखर पर बने रहना मुश्किल है. पंतनगर विश्विविद्यालय शिखर पर बना हुआ है, यह सिर्फ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक, विद्यार्थी, बीज, शोध एवं कृषि तकनीकों के वजह से ही संभव हुआ है."

राजेश शुक्ला (विधायक-उधमसिंहनगर)

"जय गुरूदेव इन्डस्ट्रीज़" को मिला सर्वोत्तम स्टॉल का पुरस्कार

मेले में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं तथा प्रदर्शित किये गये चयनित स्टालों को पुरस्कृत किया गया. इसमें सर्वोत्तम स्टॉल के लिए मैसर्स जय गुरूदेव इन्डस्ट्रीस, रूद्रपुर को पुरस्कृत किया गया.

"जय गुरूदेव इंडस्ट्रीज़ हमेशा किसानों को सफल बनाने के लिए अग्रणी है. हमारे पास किसानों के उपयोग के लिए आधुनिक कृषि यंत्र गेहूं और धान थ्रेशर है. इस थ्रेसर कि विशेषता है कि इससे गिले गेहूं को आसानी से निकाला जा सकता है. वहीं पुआल की समस्या के लिए भी यह कारगर है इससे पुआल 40 फीट की दूरी तक जाता है जो अन्य कंपनियों के थ्रेशर से ज्यादा है."

अरविंद गुंबर (एम.डी.जय गुरूदेव इंडस्ट्रीज़)

ओसवाल क्रॉप प्रोटेक्शन प्रा.लि. को केमिकम में सर्वोत्तम पुरस्कार

केमिकल क्षेत्र में लगे सभी स्टॉलों में ओसवाल क्रॉप प्रोटेक्शन प्रा.लि. को सर्वोत्तम पुरस्कार दिया गया. कंपनी के द्वारा निर्मित सभी उत्पाद किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है. फसलों में अनेके प्रकार की समस्या के लिए कंपनी कई प्रकार के उत्पाद निर्मित करती हे, जिसका इस्तेमाल किसान अपने फसलों पर सरल तरीके से कर सकते हैं.

तराई क्षेत्र में धान की खेती करने वाले किसानों को सबसे ज्यादा समस्या बी.पी.एच. कि होती है. यह समस्या यहां मौसम में आद्रता होने कि वजह से होती है. किसानों के इस समस्या से निदान दिलाने के लिए हमारी कंपनी के उत्पाद ब्लैक गोल्ड काफी कारगर है. कई किसानों ने इसे अपने फसलों पर प्रयोग करके लाभ लिया है. किसानों को इसके इस्तेमाल में बस पानी की मात्रा की सावधानी बरतनी होती है. अगर किसान धान में बाली लगने से पहले ही एक बार इसका इस्तेमाल कर दें तो फायदा होगा. - मनीश सिंह, आलोक भारत सिंह (बंटी)

उत्तरांचल एग्रो इंडस्ट्रीज को बेहतर प्रदर्शन के लिए सर्वोत्तम पुरस्कार

पंतनगर किसान मेले में बहतर प्रदर्शने के लिए उत्तरांचल एग्रो इंडस्ट्रीज़, किच्छा, ऊधमसिंह नगर को सर्वोत्तम पुरस्कार दिया गया.

किसान मेला एक झलक

07.03.2019

  • पद्मश्री भारत भूषण त्यागी के द्वारा किसान मेले का उद्घाटन
  • चलचित्र प्रदर्शन
  • किसान गोष्ठी सह विशेष व्याख्यान
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम

08.03.2019

  • प्रदर्शनी व प्रतियोगिताओं का आयोजन
  • संकर बछियों कि नीलामी
  • पद्मश्री भारत भूषण त्यागी द्वारा जैविक खेती पर विशेष व्याख्यान

09.03.2019

  • पशु प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता
  • पद्मश्री कंवल सिंह चौहान द्वारा दुग्ध उत्पादन एवं स्वीट कॉर्न व बेबी कॉर्न की खेती पर विशेष व्याख्यान

10.03.2019

  • समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह

पंतनगर किसान मेले में किसानों को किया गया सम्मानित :

खेती में अभिनव प्रयोग करने और उल्लेखनीय सफलता के लिए राज्य के विभिन्न जनपदों से चुने गये 09 प्रगतिशिल कृषकों को प्रतीक चिन्ह व प्रमाण-पत्र देकर किया गया.

किसान                  ग्राम                           जिला

देवीदत्त भट्ट              रौसाल                         चम्पावत

सुषील कुमार सैनी,               जमालपुर कला,                  हरिद्वार;

दीवान सिंह मेहता,          इंग्यार देवी                     पिथौरागढ़

पदम सिंह राणा,           देवागाड़,                        जिला चमोली

मनमोहन सिंह,            कटना,                         जिला नैनीताल

अनीता चौहान,            रामनगर डांडा,                   देहरादून

शंकार राम,               कॉटली,                        अल्मोड़ा;     

सुरेष राणा,               खैराना,                               ऊधमसिंह नगर

सुखदोई देवी,              कण्डारा,                        रूद्रप्रयाग

English Summary: Akhil Bhartiya Kisan Mela Pantnagar - 2019
Published on: 20 April 2019, 06:37 PM IST

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