Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 10 January, 2020 2:41 PM IST

किसान अगर नई फसल लगाने के बारे में सोच रहे हैं लेकिन इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि किस तरह की खेती या किस फसल की बुवाई वे कर सकते हैं, तो यह लेख उनके लिए ही है. आज हम आपको इसी सम्बन्ध में जानकारी देने जा रहे हैं कि किसान जनवरी में किसकी बुवाई कर सकते हैं जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिल सके.

किसान जनवरी में कद्दूवर्गीय सब्ज़ियों की बुवाई कर सकते हैं. आपको बता दें कि कद्दूवर्गीय सब्ज़ियों की बिजाई साल में दो बार की जाती है. इसमें जनवरी-मार्च और जून-जुलाई का समय आता है. कद्दूवर्गीय सब्ज़ियों की बिजाई पॉलीहाउस में भी दिसंबर-जनवरी में की जा सकती है. इस वर्ग की सब्ज़ियों की मांग भी बाजार में बनी रहती है. इसकी वजह इनमें मौजूद पोषण तत्व जैसे विटामिन, खनिज तत्व पर्याप्त मात्रा में हैं जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक हैं.

कद्दूवर्गीय सब्ज़ियों में बीज की मात्रा

किसान चार से पांच किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से बीज ले सकते हैं. 

कद्दूवर्गीय सब्ज़ियों की किस्में

  • कद्दू- पूसा विश्वास, पूसा विकास, पूसा हाइब्रिड-1

  • चप्पन कद्दू- आस्ट्रेलियन ग्रीन, पैटी पेन, अर्ली येलो, पूसा अलंकार और प्रोलिफ़िक

  • पेठा- पूसा उज्जवल

  • लौकी- पूसा नवीन, पूसा संदेश, पूसा संतुष्टि, पूसा समृद्धि, पी एस पी एल और पूसा हाइब्रिड-3

कद्दूवर्गीय सब्ज़ियों में उर्वरक और खाद

इस तरह की बेल वाली सब्ज़ियों में खेत की तैयारी के समय 15 से 20 टन प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद, 80 किलोग्राम नत्रजन, 50 किलोग्राम फॉस्फोरस और 50 किलोग्राम पोटाश की ज़रूरत पड़ती है.

कद्दूवर्गीय सब्ज़ियों में बीज बुवाई

इन सब्ज़ियों के लिए खेत में लगभग 45 सेंटीमीटर चौड़ी और 30 से 40 सेंटीमीटर गहरी नालियां बना लें. इसके बाद एक नाली से दूसरी नाली की दूरी फसल की बेल की बढ़वार के मुताबिक यानी लगभग 1.5 मीटर से 5.0 मीटर तक रखें. बुवाई से पहले नालियों में पानी लगा दें, जब नाली में नमी की मात्रा बीज बुवाई के लिए उपयुक्त हो जाए तो बुवाई की जगह भुरभुरी मिट्टी में लगभग 0.50 से 1.0 मीटर की दूरी पर बीज की बुवाई कर दें.

कद्दूवर्गीय सब्ज़ियों में सिंचाई प्रबंधन

फसल में ज़रूरत पड़ने पर समय-समय पर पानी का प्रबंध किसानों को करते रहना चाहिए. सिंचाई के साथ ही निराई-गुड़ाई भी करते रहना चाहिए.

किसान पॉलीहाउस तकनीक से भी कर सकते हैं कद्दूवर्गीय सब्ज़ियों की अगेती खेती

अगर आप इन सभी सब्ज़ियों की अगेती खेती करना चाहते हैं तो आप आसानी से इसे कर सकते हैं. आपको बता दें कि उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में गर्मी के मौसम के लिए अगेती फसल तैयार करने के लिए पॉली हाउस में जनवरी में ही किसान इन सब्ज़ियों को बो सकते हैं.

पॉलीहाउस में ऐसे तैयार करें पौध

किसान पॉली हाउस बनाकर पौध तैयार कर सकते हैं. इन पौधों को तैयार करने के लिए 15x10 सेंटीमीटर आकार के पॉलीबैग में 1:1:1 मिट्टी, बालू और गोबर की खाद भरकर तैयार करें और उसमें जल निकास की व्यवस्था के लिए रास्ता बना लें. थैलियों में लगभग 1 सेंटीमीटर की गहराई पर बीज की बुवाई करके बालू की पतली परत बिछा लें और पानी लगा दें.  इसके बाद लगभग 4 से 5 हफ्ते बाद पौधे खेत में लगाने योग्य हो जाते हैं.

English Summary: agriculture polyhouse techniques farmers can do pumpkin class farming of vegetables in january
Published on: 10 January 2020, 02:43 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now