Afeem Ki Kheti: अफीम के बारे में तो आप सभी ने सुना ही होगा, वही अफीम जिसका इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता है. हालांकि, अफीम का उपयोग कई तरह की दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है. ऐसे में इसकी खेती आसानी से की जा सकती है. भारत में अफीम की खेती करना कानून तौर पर वैध है. लेकिन, इसके लिए आपको सरकारी लाइसेंस लेना होगा. बिना सरकारी लाइसेंस के आप इसकी खेती नहीं कर सकते. क्योंकि देश में गैरकानूनी तरीके से इसका इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता है, इसी वजह से बिना लाइसेंस इसकी खेती करना कानूनी रूप से अपराध है, जिस पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.
अफीम की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, क्योंकि इससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. लेकिन, इसके लिए सबसे पहले आपको लाइसेंस की आवश्यकता होगी. भारत में अफीम की खेती सरकार द्वारा बनाए गए नियम और शर्तों के आधार पर की जाती है. इसके बीज भी इतनी आसानी से हर किसी को नहीं मिल सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि अफीम की खेती के लिए लाइसेंस कैसे और कहां से मिलता है.
कैसे मिलता है अफीम की खेती का लाइसेंस?
अफीम की खेती के लिए लाइसेंस वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है. लेकिन यह लाइसेंस हर जगह के लिए नहीं मिलता, क्योंकि भारत में कुछ चुनिंदा जगहों पर ही इसकी खेती की जाती है. इतना ही नहीं आप कितनी जमीन पर इसकी खेती कर सकते हैं, यह भी सरकार ही तय करती है. लाइसेंस और इसकी खेती से जुड़ी शर्तें जानने के लिए आप क्राइम ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स की वेबसाइट (https://narcoticsindia.nic.in/) पर जा सकते हैं. एक बार जब आपको लाइसेंस मिल जाता है, तब आप नारकोटिक्स विभाग के इंस्टीट्यूट्स से अफीम के बीज ले सकते हैं.
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कैसे करें खेती की शुरुआत?
कीचड़ की खेती खेती होती है अक्टूबर-नवंबर महीनों में. इस फसल की बुवाई करने के लिए, जमीन को 3-4 बार अच्छे से खोदना चाहिए. साथ ही, खेत में पदार्थ डालने की भी आवश्यकता होती है, जैसे गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट, जिससे पौधों का अच्छा विकास हो सके. एक हेक्टेयर में करीब 7-8 किलो बीज की आवश्यकता होती है. यदि आप खेती के लिए लाइसेंस प्राप्त करते हैं, तो आपको न्यूनतम सीमा तक पैदावार करनी होगी. इसलिए, आपको इसकी खेती में कोई कमी नहीं रखनी चाहिए.
अफीम की होती है कालाबाजारी
एक हेक्टेयर में अफीम की खेती से लगभग 50-60 किलो अफीम का लेटेक्स हासिल किया जा सकता है. सरकार इसे बहुत सामान्य कीमत पर खरीदती है, हालांकि काले बाजार में इसे बहुत महंगा मिलता है. वास्तव में, सरकार अफीम की खेती का लाइसेंस इसलिए देती है, क्योंकि अफीम से कई प्रकार की दवाएं बनाई जाती हैं, हालांकि कई लोग नशा के लिए इसका उपयोग भी करते हैं. काले बाजार में अफीम का मूल्य 1 से 1.5 लाख रुपये तक हो सकता है. ऐसे में इसे बेचने के लिए विभिन्न तरीके अपनाए जाते हैं. यहां तक कि अफीम की खेती के बाद जो वेस्ट निकलता है, उसे भी सरकारी अधिकारी साथ ले जाते हैं ताकि किसी तरह से उसका गलत इस्तेमाल ना हो सके.