धान की खेती भारतीय कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसलिए इसके अधिक उपज बढ़ाने, रोगों का प्रतिरोध करने और विभिन्न जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल होने के लिए कई उन्नत किस्में विकसित की गई हैं. भारत में धान की खेती के लिए कुछ लोकप्रिय उन्नत किस्में इस प्रकार हैं:
धान की खेती के लिए उन्नत किस्में
Pusa Basmati 1121: यह धान की खेती के लिए उन्नत विकसित किस्म है जो उत्तर भारत के अधिकतर भागों में उगाई जाती है. इस धान के बहुत लम्बे अनाज होते हैं, जो खुशबूदार होते हैं.
Pusa Basmati 1509: यह धान की दूसरी उन्नत विकसित किस्म है जिसकी उत्तर भारत में खेती की जाती है. इसका अनाज उत्तम गुणवत्ता और उच्च उपज वाला होता है.
IR64: यह धान की खेती के लिए एक अन्य उन्नत किस्म है जो उत्तर भारत के अलावा दक्षिण एशिया में भी उगाई जाती है. इसका अनाज बड़े आकार का होता है जो उच्च उपज देता है.
Samba Masuri: यह उत्तर भारत के अलावा दक्षिण भारत में भी उगाई जाती है. इसका अनाज सुगंधित होता है और बहुत हल्के व फूले हुए होते हैं.
IR-64: अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित, IR-64 एक उच्च उपज वाली किस्म है जो बाढ़, सूखे और कीटों का सामना कर सकती है. यह लगभग 130 दिनों में परिपक्व होती है और आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक सहित कई राज्यों में व्यापक रूप से उगाई जाती है.
स्वर्ण: स्वर्ण एक लोकप्रिय किस्म है जिसकी परिपक्वता अवधि लगभग 120 दिनों की होती है. यह अपनी उच्च उपज और रोगों और कीटों के प्रतिरोध के लिए जाना जाता है, जो इसे उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में एक पसंदीदा किस्म बनाता है.
सांबा मसूरी: आंध्र प्रदेश में विकसित, सांबा मसूरी एक उच्च उपज वाली किस्म है जो सूखे और लवणता के प्रति सहिष्णु है. यह लगभग 135 दिनों में परिपक्व होती है और तमिलनाडु, तेलंगाना और कर्नाटक सहित कई राज्यों में इसकी खेती की जाती है.
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MTU 1010: MTU 1010 भारत के पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में एक लोकप्रिय किस्म है. इसकी परिपक्वता अवधि लगभग 110-115 दिनों की होती है और यह कीटों और रोगों के लिए प्रतिरोधी है. यह अपनी उच्च उपज और उत्कृष्ट गुणवत्ता के लिए जाना जाता है.
जया: जया दक्षिण भारत में विशेष रूप से तमिलनाडु में एक लोकप्रिय किस्म है. यह एक उच्च उपज वाली किस्म है जो कीट और रोगों के लिए प्रतिरोधी है. यह लगभग 140 दिनों में पककर तैयार हो जाती है.
पूसा बासमती-1: पूसा बासमती-1 भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित एक लोकप्रिय बासमती किस्म है. यह अपनी उत्कृष्ट सुगंध और स्वाद के लिए जाना जाता है. यह लगभग 125 दिनों में परिपक्व होती है और मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में इसकी खेती की जाती है.
ये भारत में धान की खेती के लिए उपलब्ध उन्नत किस्मों में से कुछ किस्में हैं. बेहतर उपज और लाभप्रदता प्राप्त करने के लिए किसान उस किस्म का चयन कर सकते हैं जो उनकी स्थानीय परिस्थितियों और प्राथमिकताओं के अनुकूल हों.