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Updated on: 10 May, 2025 7:46 PM IST
ज़ायटॉनिक सुरक्षा एक जैविक बायो-फर्टिलाइज़र

भारत में खेती एक चुनौतीपूर्ण कार्य बनता जा रहा है, खासकर जब गर्मी अपने चरम पर होती है और मानसून के आने में देर होती है. मई और जून के महीनों में तापमान कई राज्यों में 47-48  डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. इस दौरान किसान अपनी फसलों को गर्मी और पानी की कमी से कैसे बचाएं, यह एक बड़ी चिंता का विषय रहता है. कपास, धान (नर्सरी और DSR तकनीक), सब्ज़ियां और अन्य फसलें इस मौसम में बुरी तरह प्रभावित होती हैं. खासकर बीज बोने के बाद जब पौधे अंकुरित हो जाते हैं, तो उन्हें जीवित रखना कठिन हो जाता है. यही वह समय होता है जब फसलें सबसे नाजुक होती हैं और उन्हें विशेष देखभाल की जरूरत होती है.

अगर आप भी उन्हीं किसानों में से एक हैं जो इस समस्या से परेशान हैं और किसी समाधान की तलाश में हैं, तो आपके लिए राहत की खबर है. ज़ायटॉनिक सुरक्षा, जो कि एक उन्नत तकनीक पर आधारित बायो-फर्टिलाइज़र है, किसानों की फसलों की सुरक्षा और वृद्धि में बेहद सहायक सिद्ध हो रहा है. आइए, इस उत्पाद के बारे में विस्तार से जानते हैं...

क्या है ज़ायटॉनिक सुरक्षा और कैसे करता है यह काम

ज़ायटॉनिक सुरक्षा एक आधुनिक बायो-फर्टिलाइज़र उत्पाद है जिसे विशेष रूप से किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. यह उत्पाद पौधों की पत्तियों पर एक पतली परत बनाता है जो ओस के पानी को पकड़कर उसे पौधों तक पहुंचाने में मदद करता है. आमतौर पर हर रात ओस गिरती है, लेकिन वह पत्तियों पर थोड़े समय रहकर नीचे गिर जाती है और मिट्टी में चली जाती है. ज़ायटॉनिक सुरक्षा का छिड़काव करने पर, ओस का पानी पत्तियों पर संचित करता है और पौधे की  पानी की आवश्यकता को पूरा करने मे सहायता करता है. साथ ही उसमें मौजूद घुलनशील कार्बन डाई ऑक्साइड को पौधों को उपलब्ध कराता है. यह प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण को तेज करती है, जिससे पौधों को ज्यादा ऊर्जा और पोषक तत्व मिलते हैं और उसकी बेहतर वृद्धि होती है.

गर्मी और सूखे से लड़ने में ज़ायटॉनिक सुरक्षा का योगदान

ज़ायटॉनिक सुरक्षा उन परिस्थितियों में सबसे अधिक उपयोगी साबित होती है जब तापमान अधिक हो और सिंचाई की सुविधा सीमित हो. जब खेतों में पानी की कमी होती है, तब पौधों को जीवित रखना एक बड़ा संकट बन जाता है. लेकिन इस उत्पाद के उपयोग से पौधे ओस से मिलने वाले पानी और उसमें घुले पोषक तत्वों के ज़रिए जीवित रहते हैं और उनकी बढ़वार सामान्य बनी रहती है. यह खासतौर पर उन इलाकों में उपयोगी है जहां पानी की समस्या हमेशा बनी रहती है या मानसून की देरी और मॉनसून के समय वर्षा का अधिक अंतराल खेती को प्रभावित करती है.

पौधों की सेहत और उपज में सुधार

ज़ायटॉनिक सुरक्षा न केवल पौधों को गर्मी और सूखे से बचाता है, बल्कि उनकी सेहत को भी बेहतर बनाता है. यह पौधों की पत्तियों पर मौजूद सूक्ष्म जीवों को पोषण देकर उनकी कार्य क्षमता को बढ़ता है. जब प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया तेज होती है, तो पौधों में शर्करा और कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण अधिक होता है, जिससे वे मजबूत, हरे और स्वस्थ दिखाई देते हैं. इसका असर केवल पौधों की पत्तियों पर ही नहीं, बल्कि फूल और फल की गुणवत्ता तथा स्थिरता पर भी पड़ता है. यानी उत्पादन अधिक और बेहतर होता है.

प्राकृतिक ढंग से रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी

एक और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि ज़ायटॉनिक सुरक्षा पौधों की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. अधिक शर्करा के निर्माण से पौधे भीतर से मजबूत होते हैं तो वे कीट और रोगों का बेहतर सामना कर सकते हैं. इससे किसानों को बार-बार कीटनाशक का छिड़काव नहीं करना पड़ता, जिससे लागत भी कम आती है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता.

लंबे समय तक असर और बार-बार छिड़काव की जरूरत नहीं

ज़ायटॉनिक सुरक्षा की खास बात यह है कि इसका असर एक बार छिड़काव करने के बाद लगभग 10-15  दिनों तक बना रहता है. इसका मतलब यह है कि किसान बार-बार छिड़काव करने की चिंता से मुक्त हो सकते हैं. इससे समय और श्रम की बचत होती है, साथ ही लागत भी कम आती है. इसका उपयोग करना भी बहुत आसान है – 1 किलोग्राम ज़ायटॉनिक सुरक्षा को 150 लीटर पानी में मिलाकर किसी भी फसल पर बेहतर परिणाम के लिए सुबह के समय या सूर्यास्त से दो घंटे पूर्व छिड़काव किया जा सकता है. यह अन्य कीटनाशकों और उर्वरकों के साथ भी मिलाकर उपयोग किया जा सकता है.

हर फसल के लिए लाभकारी

यह उत्पाद केवल एक या दो फसलों तक सीमित नहीं है. किसान इसे कपास, गेहूं, धान, सब्जियां और फलदार वृक्ष पर भी उपयोग कर सकते हैं. इसके परिणाम हर फसल पर दिखाई देते हैं – पौधे अधिक समय तक हरे-भरे रहते हैं, जल्दी फूल और फल आते हैं और उत्पादन में सुधार होता है.

पर्यावरण और जैव विविधता के लिए सुरक्षित

ज़ायटॉनिक सुरक्षा एक जैविक उत्पाद है, जो मिट्टी, पानी और पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता. इसके लगातार उपयोग से खेत की मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ती है और उसमें रहने वाले लाभदायक सूक्ष्म जीवों की संख्या भी बनी रहती है. यह पारंपरिक कीटनाशकों और उर्वरकों की तुलना में अधिक सुरक्षित और टिकाऊ विकल्प है.

संकट के समय किसानों का साथी

जब मौसम साथ नहीं देता, बारिश देर से आती है और तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है, तो किसान की सबसे बड़ी जरूरत होती है – एक ऐसा उपाय जो बिना ज्यादा लागत के फसल को सुरक्षित रख सके. ज़ायटॉनिक सुरक्षा ऐसे ही समय के लिए एक भरोसेमंद साथी है. यह न केवल फसल की रक्षा करता है, बल्कि उत्पादन को बनाए रखने और बढ़ाने में भी मदद करता है. जब पौधों को जीवनदायिनी ओस से लाभ मिलता है, तो वे विपरीत परिस्थितियों में भी तेजी से बढ़ते हैं और बेहतर परिणाम देते हैं. ऐसे में हम यह कह सकते हैं कि गर्मी और सूखे की मार झेल रहे किसानों के लिए ज़ायटॉनिक सुरक्षा किसी वरदान से कम नहीं है. यह एक ऐसा समाधान है जो वैज्ञानिक तकनीक और किसानों की परंपरागत समझ का मेल है. ज़ायटॉनिक सुरक्षा कम पानी में बेहतर खेती, रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि, उत्पादन में सुधार और पर्यावरण के लिए सुरक्षित खूबियों के साथ किसानों के भरोसे पर खरा उतर रहा है. आने वाले समय में यह तकनीक देश भर के किसानों के लिए खेती को ज्यादा सुरक्षित और लाभदायक बनाने में मदद करेगी.

English Summary: Zydex company product Zytonic Suraksha is a reliable solution for farming in extreme heat and less water know how?
Published on: 10 May 2025, 07:51 PM IST

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