केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' (PM-Kisan) योजना की पहली किस्त उन सभी किसानों के खातों में लगभग - लगभग पहुंच चुकी है. जिनकी लिस्ट राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार को दी थी. 'पीएम - किसान' योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को उत्तरप्रदेश के गोरखपुर से की थी. इस योजना की दूसरी किस्त भी 1 अप्रैल तक भेजने की तैयारी हो रही है. इस बीच यह खबर आ रही है कि 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना (Pradhan mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) के लाभार्थी किसानों को अब आधार नंबर देना जरूरी होगा. दरअसल 'पीएम -किसान' योजना के तहत जो पिछली किस्त दी गई थी, उसमें 4 लाख से ज्यादा ट्रांजैक्शन फेल हो गई हैं.
गौरतलब है कि कई ऐसे लोगों के खातों में भी पैसा पहुंचने की शिकायत आई है, जिनका खेती-किसानी से दूर- दूर तक कोई सरोकार नहीं है. तो वहीं कई लोगों के अलग-अलग खातों में 2 बार किस्त पहुंची है. ऐसे में अब पैसा भेजने से पहले सरकार किसानों का आधार नंबर लेगी. वहीं पहचान के लिए एक दूसरा पहचान पत्र भी देना होगा. दूसरे ट्रांजैक्शन के लिए आधार नंबर देना जरुरी होगा, जबकि तीसरा ट्रांजैक्शन आधार के जरिए ही ट्रासंफर होगा. बता दें कि अभी तक 4 लाख से ज्यादा ट्रांजैक्शन फेल हुए हैं. कई ऐसे खातों में पैसा पहुंचा है जो किसान नहीं है. ऐसे में विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने इस मामले को जांच करने की मांग की है. 2.75 करोड़ किसानों के खाते में पहली किस्त पहुंच चुकी है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कृषि मंत्रालय के एक बयान में बीते दिनों कहा गया था कि, 'हालांकि दूसरी किस्त के लिए शत-प्रतिशत आधार डेटा 1 अप्रैल तक प्राप्त करना कठिन है, क्योंकि, इसके लिए बायोमैट्रिक प्रमाणन की जरूरत है. नामों की वर्तनी में अंतर से बड़े पैमाने पर लाभार्थियों के नाम रद्द हो जाएंगे. ऐसे में लाभार्थियों के आधार ब्यौतरे को प्रमाणित करने के कारण दूसरी किस्त को जारी करने में विलंब होगा. दूसरी किस्त को जारी करने की तिथि 01 अप्रैल, 2019 है. विलंब से किसानों में असंतोष बढ़ेगा, इसलिए आधार शर्त में ढील दी गई है. यह शर्त तीसरी किस्त जारी करने के लिए मान्य होगी. दूसरी किस्त के लिए केवल आधार संख्या को ही अनिवार्य माना जाएगा. भुगतान से पहले सरकार आंकड़ों को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाएगी.'
क्या है 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना ?
देश के छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के भू-अभिलेखों में सम्मिलित रूप से 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) तक की कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व है, उन किसानों के खाते में 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के तहत हर साल 6 हजार रुपये दिए जाएंगे. यह राशि 3 किश्त में चार-चार माह के अंतराल पर की तीन किश्तों में किसानों के बैंक खातें में सीधे उपलब्ध कराई जाएगी.
किन किसानों को नहीं मिलेगा योजना का लाभ
ऐसे किसान जिनके नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में दर्ज हैं, उन्हें ही सालाना 6 हजार नकद मिलेगे. इस तारीख के बाद अगर जमीन की खरीद-बिक्री के बाद जमीन दस्तावेजों में मालिकाना हक का बदलाव हुआ तो अगले 5 साल तक 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के तहत का उन्हें लाभ नहीं मिलेगा. हालांकि, अगर अपनों के नाम पर जमीन हस्तांतरण में मालिकाना हक में बदलाव होता है तो वे इस योजना के लिए योग्य माने जाएंगे.