Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! खेती को बनाए आसान, वीएसटी 165 DI ES इलेक्ट्रिक स्टार्ट पावर टिलर इस्तेमाल कर कम लागत में करें ज्यादा काम! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 2 April, 2020 8:52 PM IST

कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन का असर मध्य प्रदेश में मैदा और रवा प्लांट पर भी पड़ रहा है. सभी प्लांटों के शटर इस समय पूरी तरह डाउन हैं. दरअसल मैदा का अधिकतर उपयोग बाजारू ही होता है. इस कारण फिलहाल इसकी डिमांड कुछ खास नहीं है. पहले से रखा माल भी खत्म होने को है. वैसे लॉकडाउन की शुरूआत में आटा प्लांट्स को भी बंद करने का फैसला लिया गया था.

नहीं है आटें की दिक्कत

मध्य प्रदेश सरकार के मुताबिक इस समय देश में आटें की कोई कमी नहीं है और न ही किराना दुकानों पर कोई प्रतिबंध है. हालांकि लॉकडाउन की शुरूआत में तरह-तरह के अफवाहों ने इसकी मांग बढ़ा दी थी. लोगों ने अचानक जरूरत से अधिक आटा खरीदना शुरू कर दिया था. लेकिन अब कुछ दिनों से आटे की मांग में कमी देखी गई है. स्थिति ये है कि शहरों में इसकी खपत कम दिखाई पड़ रही है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुरूआत में सभी बड़े मिलों को बंद कर दिया गया था.जिसके कारण मांग की समस्या उत्पन्न हो गई थी. 10 से 11 हजार क्विंटल आटा तैयार करने वाली मिलों में भी उत्पादन घटकर सिमट गया था. लेकिन अब कुछ दिनों के बाद से एक बार फिर पहले की तरह उत्पादन हो रहा है.

लॉकडाउन में आटें पर नया नियम लागू

लॉकडाउन को देखते हुए मध्य प्रदेश में नया नियम लाया गया है. जिसके बाद से आटा स्टॉक करना लोगों के लिए मुश्किल होगा. अब एक बार में एक व्यक्ति 10 किलो आटा ही खरीद पाएगा. आटें की तरह शक्कर पर भी लिमिट तय कर दी गई है. एक व्यक्ति 2 किलो से अधिक शक्कर नहीं खरीद सकता.

खैर इस समय लॉकडाउन के कारण सभी रेस्त्रां,चौपाटी और अन्य तरह के फूड बाजार पूरी तरह बंद हैं. हालांकि अर्थशास्त्रियों का मानना है कि लॉकडाउन के बाद लॉ ऑफ़ सप्लाई का नियम खाद्य उत्पादों पर लागू होगा, जिसके कारण मैदा और रवा की खपत बढ़ जाएगी.

मांग के कारण क्यों बढ़ेगी सप्लाई

अर्थशास्त्र के मुताबिक आपूर्ति और मांग का कानून एक दूसरे से संबंधित है, इसलिए अगर लॉकडाउन के बाद मैदे की मांग बढ़ेगी तो आपूर्ति में तेजी आएगी और मिल मालिकों को फायदा होगा.

 

English Summary: new rules for flour know more about it
Published on: 02 April 2020, 09:13 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now