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Updated on: 4 September, 2021 4:34 PM IST
Mahindra Tractors

किसान भाइयों के लिए आलू की खेती में कृषि यंत्रों के प्रयोग से संबंधित विशेष जानकारी प्रदान करने के लिए, महिन्द्रा ट्रैक्टर्स द्वारा, कृषि जागरण के फेसबुक पेज पर लाइव कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें सुखविंदर सिंह, वैज्ञानिक केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र जालंधर और अतुल त्यागी जोनल मार्केटिंग मैनेजर, जोन-२, महिन्द्रा ट्रैक्टर्स ने सहभागिता की.

कृषि यंत्रों के प्रयोग से होती है किसानों के श्रम की बचत

इस लाइव कार्यक्रम में सुखविंदर सिंह ने विशेष जानकारी देते हुए बताया कि, आलू की खेती में कृषि यंत्रों की बहुत आवश्यकता होती है.  आलू की बुआई यंत्र द्वारा यानि पोटेटो प्लांटर द्वारा की जाए तो बहुत जल्दी और अच्छे तरीके से होती है. यंत्र से बुआई करने पर खेत में आलू बीज एक तय दूरी और सही गहराई पर बोया जाता है. इससे फसल की पैदावार भी अच्छी मिलती है.

ट्रैक्टर की भी बहुत जरूरत होती है आलू की खेती में. अच्छी हॉर्स पॉवर के ट्रैक्टर का उपयोग करना चाहिए. कृषि यंत्रों के प्रयोग से किसानों के श्रम की बचत होती है. साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि किसानों को कृषि यंत्रो को खरीदने में सावधानी रखनी चाहिए. जिन कृषि यंत्रों को अपने जिले में ठीक ना करवाया जा सकें, उनको नहीं खरीदना चाहिए.

ट्रैक्टर है एमएललिफ्ट हाइड्रोलिक तकनीक से युक्त

महिंद्रा ट्रैक्टर्स की ओर से अतुल त्यागी ने कार्यक्रम में सहभागिता करते हुए महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा करते हुए कहा कि, आलू की खेती में ट्रैक्टर के चयन के लिए प्रमुख मानदंड यह है कि ट्रैक्टर में हाइड्रोलिक्स को आसानी से संचालन को संभालने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित किया जाना चाहिए. ट्रैक्टर्स के हाइड्रोलिक्स के कारण लेंड प्रीपरेशन पार्ट, रिज्ड बेड या रिज बनाना आसान हो जाता है.  उसके बाद सेमी या ऑटोमैटिक प्लांटर के माध्यम से आलू की रोपाई आसानी से हो जाती है.  ट्रैक्टर का उपयोग करके कृषि के सभी प्रकार के संचालन ट्रॉली लोडिंग, रेत मिक्स सेगमेंट में लोडर संचालन आदि किये जा सकते है.

उन्होंने कहा कि , एमएललिफ्ट हाइड्रोलिक में हाई टेक कण्ट्रोल वाल्व व हाई डिस्चार्ज पंप(29.5LPM) लगाए गए है, जिसकी वजह से खेत मे मुड़ते समय m-लिफ्ट  टेक्नोलॉजी प्लांटर को तेजी से और सटीकता से उठाती और नीचे रखती है. जिससे बुवाई में समय की भी बचत होती है.  हाइड्रोलिक लिफ्ट की कैपेसिटी 1500 किलोग्राम कर दी गयी है. जिससे बीज और खाद से भरे प्लांटर को भी यह आसानी से उठाती  है. आलू की बुवाई एक समान गहराई पर होना बहुत जरुरी होता है.  M-लिफ्ट टेक्नोलॉजी पूरे खेत मे एक समान गहराई सुनिश्चित करती है. जिससे परिणाम बेहतर मिलते  है. आलू की खेती में खुदाई करते समय इस प्रिसिशन हाइड्रोलिक की वजह से सबसे कम नुकसान होता है और ज्यादा उत्पादन मिलता है.

475 (एक्स पी) प्लस एम लिफ्ट तकनीक

अधिक जानकारी देते हुए अतुल त्यागी ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि 475 (एक्स पी) प्लस एम लिफ्ट तकनीक महिंद्रा कंपनी के द्वारा खास तौर पर आलू की खेती के लिए विकसित की गयी तकनीक है. ये तकनीक खेती का उत्पादन और उत्पाद की गुणवत्ता दोनों बढ़ा देती है.

इस तकनीक की विशेषताएं

  • इसमें माइलेज शानदार है दमदार हाइड्रोलिक क्षमता के साथ.

  • एक्स्ट्रा लांग स्ट्रोक इंजन हॉर्सपावर ज्यादा है. 18% बैकअप टॉर्क ज्यादा है, यानि इंजन पावरफुल है.

  • डीजल की बचत ज्यादा है.

  • कांस्टेंट मेश गियर बॉक्स जिससे गियर बदलने में आसानी एवम् स्पीड ज्यादा यानि कम समय में काम ज्यादा.

  • हाइड्रोलिक में हाई टेक कण्ट्रोल वाल्व व हाई डिस्चार्ज पंप(29.5LPM ) लगाए गए है, जिसकी  वजह से खेत मे मुड़ते समय m-लिफ्ट  टेक्नोलॉजी प्लांटर को तेजी से और सटीकता से उठाती और नीचे रखती है. जिससे बुवाई में समय की भी बचत होती है.

  • हाइड्रोलिक लिफ्ट की कैपेसिटी 1500 किलोग्राम कर दी गयी है. जिससे बीज और खाद से भरे प्लांटर को भी आसानी से उठाती है.

  • आलू की खेती की खुदाई करते समय इस प्रिसिशन  हाइड्रोलिक की वजह से सबसे कम नुकसान होता है और ज्यादा उत्पादन मिलता है . 

  • 6 वर्ष की वारंटी जिससे आपके मन की पूरी शांति और ट्रैक्टर के ऊपर भरोसा ज्यादा होगा.

किसान भाइयों आलू की खेती में आसानी के लिए आप महिंद्रा के विशेष हाइड्रोलिक तकनीक से युक्त ट्रैक्टर का उपयोग कर सकते है. साथ ही महिंद्रा के द्वारा किसानों के लिए बनाएं गए विशेष फंगीसाइड्स, और कीटनाशकों का भी उपयोग कर सकते है. किसानों को मिलेंगे श्रेष्ठ कृषि यन्त्र, महिंद्रा ट्रैक्टर है किसानों के संग.  

English Summary: Mahindra Tractors organizes Facebook Live event
Published on: 04 September 2021, 04:49 PM IST

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