Papaya Farming: पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई! जानिए पूरी विधि सोलर पंप संयंत्र पर राज्य सरकार दे रही 60% अनुदान, जानिए योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया केवल 80 से 85 दिनों में तैयार होने वाला Yodha Plus बाजरा हाइब्रिड: किसानों के लिए अधिक उत्पादन का भरोसेमंद विकल्प किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 4 April, 2019 5:04 PM IST

अगर आपकी ज़मीन उत्तराखंड के पहाड़ों में है तो आपके लिए यह खबर किसी खुशखबरी से कम नहीं है. जापान की कंपनी 'सोमित्सु हितोमो' जो ऑर्गेनिक खेती में एक जाना माना नाम है, उत्तराखंड के पहाड़ों में जैविक खेती के लिए करोड़ों पैसा लगाएगी. आपको बता दें कि जापान एक छोटा सा देश है जहां के नागरिक अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत सक्रिय रहते हैं और खान-पान पर खासा ध्यान देते हैं. ऐसे में छोटे देश में अधिक आबादी होने के कारण कृषि भूमि की काफी कमी है, जिसके लिए वहां की कंपनी उत्तराखंड में करोड़ों इन्वेस्ट करेगी.

जापानी कंपनी क्यों लगा रही है पैसा ?

उत्तराखंड में हज़ारों हेक्टेयर भूमि यूं ही बंजर पड़ी है जिसका मुख्य कारण यहां के लोगों का पहाड़ों से पलायन करना है. उत्तराखंड की जलवायु अति संवेदनशील है जो ऑर्गेनिक खेती के लिए बहुत उपजाऊ है. कंपनी द्वारा उत्तराखंड को चुनने का एक मुख्य कारण यहां उद्योगों का कम होना और प्रदुषण की कमी होना भी है. कंपनी का कहना है कि उत्तराखंड में उनके जरुरत अनुसार पर्याप्त भूमि है और जलवायु है.

क्या है योजना ?

कंपनी का कहना है कि वो गांव की पंचायतों से बड़े पैमाने पर भूमि लीज पर लेगी, जिसका पैसा स्थानीय पंचायतों के द्वारा भूमि के हिसाब से लोगों को मिलेगा. इसमें सरकार की क्या भागीदारी होगी. इससे संबंधित कोई स्पष्ट खबर फिलहाल नहीं हैं लेकिन इस योजना से उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति जरुर सुधरने वाली है.

इससे क्या प्रभाव पड़ेगा  ?

- अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा असर यहां गावों में रहने वाली आबादी पर पड़ेगा, जिनको न सिर्फ रोजगार मिलेगा साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी.

- रोजगार मिलने पर इसका सीधा असर पलायन पर पड़ेगा. उत्तराखंड से भारी मात्रा में लोग शहरों में जा बसे हैं और इसे रोकने में उत्तराखंड की सरकार भी नाकामयाब रही.

- बंजर पड़ी भूमि होगी आबाद.

क्या आ सकती हैं दिक्कतें ?

बता दें कि उत्तराखंड में पहाड़ों से हज़ारों लोग पलायन कर दिल्ली, देहरादून और नोएडा जैसे - बड़े शहरों में रह रहे हैं. इन सभी परिवारों के गांव में कईं पुश्तैनी खेत हैं जो अब भी बंजर पड़े हैं, ऐसे में लोगों से संपर्क करना और उनके खेतों को लीज पर देने के लिए उन्हें मनाना एक कठिन कार्य होगा.

साभार - Euttranchal.com

English Summary: japan company promote organic farming in uttrakhand
Published on: 04 April 2019, 05:10 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now