भारतीय कृषि क्षेत्र में बीज उद्योग बहुत मायने रखता है, क्योंकि बिना बीज के कोई भी फसल पैदा नहीं हो सकती. जिस तरह से देश में लगातार आबादी बढ़ रही है उसी को देखते हुए कृषि उत्पादन बढाने की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है. इस स्थिति में किसानों के ऊपर अधिक पैदावार लेने की जिम्मेदारी है. इसके अलावा कृषि भूमि भी लगातार कम हो रही है. इन सब परिस्थितियों में अधिक पैदावार लेने के लिए फसलों को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की आवश्यकता है. इसलिए भारतीय बीज उद्योग अधिक गुणवत्ता वाले बीज विकसित करने में अहम भूमिका निभा रहा है और इसी के चलते हर बार की तरह इस बार भी भारतीय राष्ट्रीय बीज संघ द्वारा इंडियन सीड कांग्रेस का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित किया गया. जिसमें देश के बीज उद्योग से जुड़े सभी व्यक्तियों ने और बड़ी-बड़ी सीड्स कंपनियों ने शिरकत की.
बता दें कि नेशनल सीड एसोसिएशन ऑफ इंडिया का सबसे बड़ा वार्षिक प्रमुख कार्यक्रम इंडियन सीड कांग्रेस- 2020 जेडब्ल्यू मैरियट नई दिल्ली एयरोसिटी में 15 फरवरी से शुरू हुआ है जो कि 17 फरवरी तक चलेगा. साथ ही 16 फरवरी को पौधों की किस्मों से आनुवंशिकी लाभ और सुधार प्राप्त करने के लिए नवाचार में प्रगति इन विषयों पर एक तकनीकी सत्र और विशेष चर्चा की गई. इस बार इंडियन सीड कांग्रेस में लगभग 350 से अधिक डेलिगेट कॉन्फ्रेंस के पहले सत्र यानी कि 16 फरवरी को पहुचें. जिनमें अमेरिका और कुछ इटली की सीड्स कंपनिया भी मौजूद रही. इस दक्षिण पूर्व एशिया के सबसे बड़े सीड कांग्रेस का उद्देश्य दुनिया भर के उद्योग, वैज्ञानिकों, कृषि-विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों को एक साथ लाना है. जिसकी अध्यक्षता नेशनल ब्यूरो ऑफ़ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज (NBPGR) के डायरेक्टर डॉ. कुलदीप सिंह द्वारा की गई थी. कॉन्फ्रेंस में सीड इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने बीज क्षेत्र के नवीनतम ज्ञान और अपने विचारों को व्यक्त किया इसके अलावा सीड इंडस्ट्री के विकास और बाधाओं से निपटने के लिए नई तकनीक और प्रगति पर अपनी समस्याएं रखी साथ ही विचार-विमर्श भी किया. आपको बता दें इंडियन सीड कांग्रेस एक नवाचार केंद्र है जहां नवीनतम प्रौद्योगिकी विकास और नवाचार पेश किए जाते हैं.