GFBN Story: गन्ने और केले की स्मार्ट खेती से हिमांशु नाथ ने रचा सफलता का इतिहास, सालाना टर्नओवर 1 करोड़ से ज्यादा! GFBN Story: लाख की खेती से मिलन सिंह विश्वकर्मा को मिली बड़ी पहचान, सालाना कमा रहे हैं भारी मुनाफा! GFBN Story: रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर शाह नवाज खान ने शुरू की नींबू की खेती, अब कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 6 April, 2020 10:42 PM IST

चीन के वुहान शहर से आया कोरोना वायरस अब मछली पालकों को रूलाने लगा है. वैश्विक महामारी बन चुकी यह बीमारी अब मछली उद्योग को डुबाने पर आतुर है. इस समय हजारों मछली पालकों को भारी परेशानी हो रही है. लॉकडाउन के कारण न तो इन तक किसी तरह की मदद पहुंच पा रही है और न ही मछलियों के आहार का प्रबंध हो पा रहा है. ऐसे में इन्हें भविष्य डरावना लगने लगा है.

भोजन की हो रही है दिक्कत

लॉकडाउन के कारण छोटे मछली पालकों को आहार की समस्या होने लगी है. वहीं इनकी देखभाल में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यातायात और दुकानों के बंद होने के कारण पोटेशियम परेगनेट आदि उत्पाद नहीं मिल पा रहे हैं. इतना ही नहीं बीमार मछलियों के उपचार का भी कोई साधन नहीं है.

मछलियों के चकत्ते झड़ने लगने पर न तो सिल्वर नाइट्रेट उपलब्ध है और न ही ठंड, गैस और सिन्ड्रोम जैसे रोगों का कोई उपचार समझ आ रहा है. लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है. कई सर्वे में कहा गया है कि आने वाला समय मछली उद्योग के लिए अधिक कठिनाई भरा हो सकता है. वर्तमान में बाजार में अफवाहों का बाजार गर्म है, कोरोना की आशंका के कारण कोई मांस-मछली खाना अभी पसंद नहीं कर रहा है.

घाटे में चल रही है मछली कंपनियां

इस समय अधिकतर मछली कंपनियों की आय घटी है और भविष्य में हालात अधिक खराब होने का अंदेशा है, जिस कारण हजारों कर्मचारियों की नौकरी जाने का डर लगा हुआ है. ध्यान रहे कि अभी अधिकतर मछली कंपनियां 20 से 30 प्रतिशत घाटे में चल रही है.

लॉकडाउन का सबसे अधिक घाटा घरेलू कंपनियों को हुआ है. इस समय उनकी आमदनी और लाभ दोनों में गिरावट का दौर जारी है. आने वाले समय में 52 प्रतिशत तक नौकरियां कम हो सकती है.

English Summary: fish industry facing heavy loss due to lockdown period know more about it
Published on: 06 April 2020, 10:47 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now