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Updated on: 18 April, 2019 4:55 PM IST

ट्रेड फाइनेंस फर्म ड्रिप कैपिटल ने फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सलपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (एफआइईओ) के सहयोग से दिल्ली में एक सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार का विषय था- 'इंटरैक्टिव सेशंस ऑन एक्सइपोर्ट फैक्टिरिंग : ईजी एक्सेस टु अनसिक्योर्ड फाइनेंस फॉर एसएमई एक्स पोर्टर्स'। श्री विकास यादव, सीनियर बिज़नेस डेवलपमेंट मैनेजर, ड्रिप कैपिटल द्वारा आयोजित इस सेमिनार में फिओ के सुश्री सुनीता ततवाल के साथ राजधानी के छोटे और मध्यम  उद्यम (एसएमइ) निर्यातको की उपस्थिति देखी गई।

भारत के कुल निर्यात में एसएमई का हिस्सा 40% है, लेकिन जब बात आती है कार्यशील पूंजीगत प्रावधानों की, तो यह कुछ सबसे कम सुविधा प्राप्त क्षेत्रों में से एक है। कोलेटरल की मांग, लंबा प्रक्रियागत समय, कागजी कामकाज का भारी बोझ, और ऐसे ही अन्य कारक एसएमई के लिए कार्यशील पूंजी की उपलब्धता बहुत कठिन बना देते हैं। फैक्टरिंग फर्म और एनबीएफसी जैसे संस्थान वैकल्पिक वित्तपोषण समाधान प्रदान करते हैं; हालांकि बहुत-से एसएमई निर्यातक इन पेशकशों से अनजान हैं और उन्हें इस बारे में जानकारी दिए जाने की जरूरत है। ऐसे सबसे आसान वैकल्पिक तरीकों में से एक है इनवॉइस फैक्टरिंग।

अपने सबसे बुनियादी रूप में, इनवॉइस फैक्टरिंग आपके लेनदेन के इनवॉइसेस को किसी तीसरे पक्ष को बेचकर फाइनेंस जुटाने की प्रक्रिया है। तीसरे पक्ष को फैक्टर कहा जाता है। विक्रेता (निर्यातक) के लेन-देन के इतिहास और अन्या मापदंडों के आधार पर फैक्टर उसे एक क्रेडिट लाइन देता है जिसे वह अन्य खरीदारों (आयातकों) के साथ आगे लेनदेन के फाइनेंस के लिए इस्तेमाल कर सकता है। ज्यादातर मामलों में, विक्रेता को फैक्टर से इनवॉइस मूल्य का 80% अग्रिम मिलता है (आमतौर पर कोलेटरल की जरूरत के बगैर), और जब खरीदार फैक्टर को इनवॉइस का मूल्य स्थानांतरित करता है, तो शेष 20% फैक्टर की फीस और ब्याज में कट जाता है।

भारत की राष्ट्रीय राजधानी की अर्थव्यवस्था 13 वें सबसे बड़े राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के स्थान पर है। 2017-18 में, तृतीयक क्षेत्र ने दिल्ली के जीएसडीपी के 85% के योगदान के बाद क्रमशः द्वितीयक और प्राथमिक क्षेत्रों में 12% और 3% का योगदान दर्ज कराया। कुल मिलाकर, सेवा क्षेत्र ने 7.3% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की। अर्थव्यवस्था का अधिकांश योगदान दिल्ली में बड़ी संख्या में एमएसएमई से आता है। निर्यात उत्पादन में शॉल, मफलर, पर्दा और इस तरह के अन्य उत्पादों सहित परिधान और कपड़े का सामान। इसके अलावा, चमड़े के उत्पादों जिनमें जैकेट, जूते, बैग, पर्स और बेल्ट प्रमुख रूप से दिल्ली से निर्यात की जाने वाली वस्तुएं हैं।

श्री विकास यादव, सीनियर बिज़नेस डेवलपमेंट मैनेजर, ड्रिप कैपिटल ने कहा, " दिल्ली में और दिल्ली के आसपास कई छोटी एवं मध्यसम आकार की औद्योगिक इकाईयां हैं।  बहरहाल, फाइनेंस के पर्याप्त विकल्प न होने के चलते इनमें से कई एसएमई को अपनी कार्यशील पूंजी के प्रबंधन में गंभीर समस्याएं आती हैं। इस समस्या को हल करने के लिए, ड्रिप कैपिटल तत्काल अनुमोदन और न्यूनतम दस्तावेजीकरण के साथ भारतीय निर्यातकों को कोलेटरल फ्री पोस्ट-शिपमेंट फाइनेंस उपलब्ध कराती है।"

ड्रिप कैपिटल अमेरिका स्थित एक ट्रेड फाइनेंस कंपनी है। भारत और विदेशों में एमएसएमई निर्यातकों द्वारा झेली जाने वाली फाइनेंस से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए 2014 में पुष्कर मुकेवार और नील कोठारी ने इसकी स्थापना की थी। 2016 में अपने उत्पाद लॉन्च के बाद से ड्रिप कैपिटल को भारतीय निर्यातक समुदाय ने तेजी से अपनाया है। इस दौरान कंपनी ने जबरदस्त तरक्की की है और पिछले दो वर्षों में फाइनेंस की गई कार्यशील पूंजी के लिहाज से देखें, तो यह 20 गुना बढ़ गई है। तकनीक और ट्रेड फाइनेंस उत्पाद तैयार करने की दिशा में गहरे फोकस ने इस प्रगति में ईंधन का काम किया है। इसके तहत कंपनी निर्यातकों द्वारा सामना किए जाने वाले आम मसलों और समस्याओं के कस्टमाइज्ड समाधान प्रदान करती है।

ड्रिप कैपिटल ने अभी तक 300 मिलियन डॉलर की इनवॉइसेस को फाइनेंस किया है और फिलहाल भारत एवं मेक्सिको के भौगोलिक क्षेत्रों एवं विभिन्नि उत्पाइद श्रेणियों में 300 से ज्यावदा निर्यातकों के साथ काम करता है। श्री यादव ने कहा, “ड्रिप की ज्या दातर वृद्धि लेबर-इंटेसिव और एसएमई-डॉमिनेटेड सेक्ट र्स जैसेकि एग्री कमोडिटीज,एपरेल,लॉजिस्टिक्सि आदि से बढ़ रही मांग द्वारा संचालित है। यह सेक्टार्स दिल्ली में भी मजबूती से अपना प्रतिनिधित्वप करते हैं और ड्रिप शहर के निर्यातकों को हर संभव तरीके से उनका बिजनेस बढ़ाने में मदद करने के लिए उत्सुपक है।एफआइईओ के साथ साझेदारी के हिस्से  के तौर पर, ड्रिप कैपिटल ने कई सेमिनारों का आयोजन किया है जिनका लक्ष्यक निर्यातकों को इनवॉइस फैक्टारिंग एवं अन्यउ ट्रेड फाइनेंस सेवाओं द्वारा पेश किये जाने वाले अपार सामर्थ्यष के बारे में शिक्षित करना है। दिल्ली सेमिनार इस सीरीज में नवीनतम सेमिनार था और इसने ड्रिप कैपिटल द्वारा निर्यातकों को मुहैया कराये गये समाधानों की क्षमता को मजबूत किया।

ड्रिप कैपिटल की योजना दुनिया भर के नये बाजारों में विस्ताकर करने और निर्यातकों द्वारा झेली जाने वाली अनेक समस्यापओं को हल करने के लिए तकनीक का लाभ उठाने की है। ट्रेड फाइनेंस से परे,कंपनी का लक्ष्यअ डेटा, टेक्नोमलॉजी,एनालिटिक्स  का लाभ उठाना जारी रखना और वैश्विक निर्यात पारितंत्र में अग्रणी बनने के लिए बेहद प्रेरित पेशेवरों की टीम तैयार करना है।

ड्रिप कैपिटल के विषय में: ड्रिप कैपिटल अमेरिका  स्थित एक ट्रेड फाइनेंस कंपनी है, जो तकनीक का लाभ उठाकर तत्काल अनुमोदन और न्यूनतम दस्तावेजीकरण के साथ एसएमई निर्यातकों को कोलेटरल-फ्री पोस्ट-शिपमेंट फाइनेंस उपलब्ध कराती है। विभिन्न उभरते हुए बाजारों में एसएमई निर्यातकों के लिए वर्किंग कैपिटल के अंतराल को पाटने के फलसफे के साथ पुष्कर मुकेवार और नील कोठारी ने कंपनी की स्थापना की थी।

ड्रिप कैपिटल प्रेस संपर्क :
लोविना मेनेजेस।
+91 7387942608 
lovina@whitemarquesolutions.com|

English Summary: DripCapital helped capitalize on export of Trade Finance Solutions to Delhi
Published on: 18 April 2019, 05:02 PM IST

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