वैश्विक महामारी कोरोना ने जिस प्रकार से पूरे विश्व के जन जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, भारत भी इससे अछूता नहीं रह सका है. इस महामारी ने, न सिर्फ स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या खड़ी की है, बल्कि पूरी दुनिया को गहत आर्थिक संकट के दौर में ला खड़ा किया है. भारत में भी मार्च के मध्य से लागू लाकडाउन के कारण जन जीवन पूरी तरह ठप्प पड़ गया है और आर्थिक मोर्चे पर सभी सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. हमारा कृषि क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रह सका है.
कृषि क्षेत्र में मुख्य रूप से सब्ज़ी फसल के किसानों को गहन संकट के दौर से गुज़रना पड़ा. सबसे ज़्यादा मार सब्ज़ी उत्पाद को खेत से उपभोक्ता तक पहुंचाने के कार्य में झेलनी पड़ी. ऐसी परिस्थिति बनी की जहां एक ओर सब्ज़ी किसान अपनी तैयार फसल को बाजार भाव न मिलने के कारण,जानवरों को खिलाने, रास्ते पर बिखेरने या खेत में ही छोड़ने पर मजबूर हुए, वहीं दूसरी ओर ज़्यादातर मंडियों की बंद होने के कारण, इस कार्य में जुड़े ट्रेडर्स के सामने भी रोज़ी-रोटी की गहन समस्या उत्पन्न हो गयी. जहाँ एक ओर सब्ज़ियां बर्बाद हो रही थी, वहीं दूसरी ओर शहरों में इसकी भारी कमी महसूस की जा रही थी और खुदरा मंडी में भाव आसमान छू रहे थे.
जैसा कहते हैं विकट एवं विषम परिस्थिति जहाँ एक ओर संभावनाओं को जन्म देती है वहीं दूसरी ओर दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता को नए रूप से निखारती है. अडवांटा सीड्स भी अपने शीर्ष नेतृत्व की अनूठी पहल का गवाह बना. उनके द्वारा सुझाये गए अनोखी अवधारणा का साधक बना. प्रबंधको द्वारा बताये गए उपाय पर अमल करते हुए, अडवांटा की सेल्स और मार्केटिंग टीम ने अथक प्रयास करते हुए किसानो एवं ट्रेडर्स के बीच एक सेतु का कार्य करते हुए उन्हें आपस में जोड़ने का प्रयास किआ. अडवांटा टीम ने अपने प्रयासों से पूरे भारत में अलग अलग क्षेत्रों के सब्ज़ी लगाने वाले किसानों को उचित भाव दिलाने में सफलता प्राप्त की, जिनमें भिंडी, टमाटर, मिर्च, खरबूज, तरबूज, गोभी, खीरा इत्यादि जैसी फसल शामिल है .
हमारे इस छोटे से प्रयास द्वारा हमने देशभर के 1517 किसानों एवं 579 ट्रेडर्स को आपस में जोड़ा और लगभग 900 टन सब्ज़ी उत्पादन को किसानों से उपभोक्ता तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की. इस विषम परिस्थिति में अडवांटा टीम ने अपनी फार्मर्स फर्स्ट के मिशन को आगे रखकर, अपनी अनोखी पहल से किसानों एवं ट्रेडर्स के दिलों में एक विशेष जगह बनाने में भी कामयाबी हासिल की.
अपने नवीन अनुभव से सीख लेते हुए, अडवांटा टीम निश्चय के साथ कोरोना के बाद भी, सामान्य परिस्थिति में भी किसानो के सहयोग के लिए और उत्पाद की अच्छी कीमत दिलाने के लिए प्रतिबद्ध रूप से कार्य करती रहेगी.