उत्तर प्रदेश और राजस्थान के छोटे और सीमांत किसानों पर कोरोना वायरस के खतरे के प्रभाव को कम करने और संकट ग्रस्त फसली मौसम के दौरान किसानों को सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से, टैफे (ट्रैक्टर एंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड) ने हाल ही में अपनी सामाजिक पहल (सी.एस.आर.) के तहत, अपने जेफार्म सर्विसेज प्लेटफॉर्म के माध्यम से मुफ़्त ट्रैक्टर रेंटल योजना की घोषणा की है, जो अप्रैल 01, 2020 से शुरू होकर 90 दिनों की अवधि के लिए चालू रहेगी.
इस पहल के तहत TAFE कंपनी, जिसने 2 अप्रैल को तमिलनाडु में छोटे किसानों की मदद करने की योजना की घोषणा की, ने कहा कि यह दोनों राज्यों में 90 दिनों के लिए कुल लगभग 14,000 ट्रैक्टर और 62,000 उपकरण रेंटल यानी मुफ्त किराये के आधार पर बिना किसी क़ीमत या शुल्क के उपकरणों की पेशकश करेगी. मैसी फर्ग्यूसन, आयशर ट्रैक्टर्स और उपकरणों को किराए पर देने वालों को सीधे कंपनी द्वारा भुगतान किया जाएगा.
उक्त राज्यों के किसान अपने ऑर्डर जेफार्म सर्विसेज मोबाइल ऐप या टोल-फ्री हेल्पलाइन 1800-4200-100 पर बुक कर सकते हैं. इसके अलावा, किसान राज्य भर में मौजूद कंपनी के क्षेत्र अधिकारियों, डीलर नेटवर्क आदि जैसे विभिन्न ऑन-ग्राउंड माध्यमों से भी अपने ऑर्डर बुक कर सकते हैं, जो पहले से ही दोनों राज्यों के किसान समुदाय के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
TAFE की चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर - मल्लिका श्रीनिवासन ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई भाषा को बताया कि छोटे और सीमांत किसानों पर कोरोनावायरस महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए यह पहल किया गया है. इस पहल के अंतर्गत कंपनी ट्रैक्टरों और उपकरणों को किराए पर लेने का खर्च वहन करेगी.
उन्होंने आगे कहा, "हमारे पास अच्छा मानसून था और जलस्तर भी अच्छा था. रबी की फसल के लिए संभावनाएं बहुत अच्छी लग रही थीं. उस समय यह दुर्भाग्यपूर्ण समस्या आ गई और सबको प्रभावित कर रही है. तो हम अपनी तरफ से, जो करने की कोशिश कर रहे हैं, वह इस बहुत ही महत्वपूर्ण मोड़ पर किसानों को सपोर्ट करने का एक अच्छा उपाय है, इससे किसानों को अपनी वर्तमान फसल से अच्छी आय प्राप्त होगी और अगली फसल के लिए समय पर खेत की तैयारी करने में सहायता मिलेगी."
श्रीनिवासन ने आगे कहा, “6 अप्रैल से शुरू होने वाली यह योजना 90 दिनों की अवधि के लिए होगी. पहले से ही तमिलनाडु में कंपनी 4,400 ट्रैक्टरों की पेशकश कर चुकी है और 90 दिनों के लिए किराए पर लेने वाले 30 जिलों में 15,000 से अधिक कृषि उपकरण उपलब्ध हैं.“