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Updated on: 20 December, 2018 4:45 PM IST
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ऑल इंडिया फूड प्रॉसेसर्स एसोसिएशन (एआईएफपीए) के 75 साल पूरे होने पर प्लैटिनम जुबली कॉन्फ्रेंस का आयोजन राजधानी में किया जा रहा है जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरूवार को किया। इस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल भी उपस्थित रहेंगी। इसके उद्घाटन सत्र के बाद 20 और 21 दिसंबर के दौरान 5 तकनीकी सत्र आयोजित होंगे। इस कॉन्फ्रेंस का समापन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा करेंगे।

विभिन्न सत्र होंगे आयोजित

इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में पूरे देश से केंद्र और राज्य सरकार के निकायों, खादय व्यवसाय परिचालकों, खादय प्रौद्योगिकी के उत्कृष्ट संस्थानों, शोध एवं विकास संस्थानों, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादकों के आयातकों और निर्यातकों, खादय प्रसंस्करण उद्योगों के साथ-साथ विशिष्ट प्रतिनिधि आएंगे। इसके प्रत्येक सत्र में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े सरकार के प्रमुख अधिकारी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजदू होंगे। प्रत्येक सत्र में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों से आए 6 पैनलिस्ट भी शामिल होंगे। प्रत्येक सत्र का संचालन उस संस्थान के अध्यक्ष करेंगे जो सेमिनार के थीम में विशेषज्ञता रखते हैं। सम्मेलन में मुख्यतः भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की समस्याओं, विकास की रणनीतियों, नीति नियोजन एवं तकनीकी पक्ष जैसे अहम मुद्दों पर विचार विमर्श किए जाएंगे।

क्या बोले एसोसिएशन के अध्यक्ष

ऑल इंडिया फूड प्रोसेसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सुबोध जिंदल ने कहा कि एआईएफपीए देश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के संवर्धन के लिए समर्पित है। इस उद्देश्य से यह सक्षम तकनीकियों, अभिनव प्रयोगों, नए उत्पादों के विकास, उद्यमशीलता कानून, नियमों के अनुकूलन को बढ़ावा देता है। इसका मिशन कृषि अर्थव्यवस्था में सुधार और जल्द खराब होने वाले खादय पदार्थों का संरक्षण है और साथ ही प्राकृतिक उत्पादों के पूर्ण सदुपयोग और पूर्ण मूल्यसंवर्धन, उपभोक्ताओं को पोषण युक्त खाद्य सामग्रियां उपलब्ध कराने पर जोर देता है। एआईएफपीए का लक्ष्य भारत को खाद्य उद्योग का प्रमुख बाजार बनाना है और अंतिम रूप से किसानों, महिलाओं को शाक्तिशाली बनाकर रोजगार सृजन करना है।

सत्रों के लिए शीर्षक निर्धारित

इसमें आयोजित सत्र मुख्य रूप से भारत की 1.खाद्य विरासत 2.खादय आपूर्ति श्रृंखला एवं चुनौतियां, 3. अनुकूल नियामक परिवेश, 4. खाद्य तकनीकियों में अभिनव प्रयोग 5. प्रसंकस्कृत खाद्य उत्पादों के लिए क्षमता सुधार और लागत में कमियों के बारे में है। प्रत्येक सत्र की गतिविधियों का इंडियन फूड पैक में प्रकाशन होगा जो एआईएफपीए की द्धिमासिक पत्रिका है और इनके सुझाव संबद्ध प्राधिकरण को भेज दिए जाएंगे।

जाने कंपनी के बारे में

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विशिष्ट प्रतिनिधि के रूप में एआईएफपीए ने देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की बाधाएं दूर करने के लिए हमेशा आवश्यक परिवर्तन के लिए संबद्ध सरकारी अभिकरणों के साथ निरंतर नीतिगत प्रयास करने की जिम्मेदारी को निभाया है। ऑल इंडिया फूड प्रॉसेसर्स एसोसिएशन का गठन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में दूरदृष्टि रखने वाले लोगों ने 1943 में किया था। उनका मुख्य उद्देश्य खेतों में तैयार ताज़ा चीजों को बर्बाद होने से बचाना था। कंपनी ने लंबी अवधि तक के कृषि उत्पादों के संरक्षण और मूल्य संवर्धन को बढ़ावा दिया है। एआईएफपीए ने भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को नया रास्ता भी दिखाया है। इसके साथ ही कंपनी ने अत्याधुनिक प्रसंस्करण और पैकेजिंग मशीनों, सक्षम संचालन तंत्र और सहायक विपणन व्यवस्था आदि से जुड़े महत्वपूर्ण सुझाव भी प्रदान किए है।

किशन अग्रवाल, कृषि जागरण

English Summary: 75 years of AIFPA completed, President Koitndan inaugurated Platinum Jubilee
Published on: 20 December 2018, 04:48 PM IST

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