जबरदस्त है गहरी जुताई के फायदे, कम लागत के साथ बढ़ता है उत्पादन! 10 वर्ष पुरानी आदिवासी पत्रिका 'ककसाड़' के नवीनतम संस्करण का कृषि जागरण के केजे चौपाल में हुआ विमोचन Vegetables & Fruits Business: घर से शुरू करें ऑनलाइन सब्जी और फल बेचना का बिजनेस, होगी हर महीने बंपर कमाई Rural Business Idea: गांव में रहकर शुरू करें कम बजट के व्यवसाय, होगी हर महीने लाखों की कमाई एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 5 September, 2019 6:51 PM IST

सितंबर माह के शुरूआत से ही लोगों के घर के बजट बिगड़ने लगे हैं. सबसे ज्यादा आग आम आदमी के रसोई बजट में लगी हुई है. मंडियों में सब्जियों के भाव सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं. हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मात्र एक महीने में बहुत सी सब्जियों के दाम डेढ़ से डबल हो गए हैं. आलू थाली से गायब होने लगा है और प्याज तो मानों रूलाने पर आमदा है.

इन सब्जियों के बढ़े अधिक दामः

सब्जी मंडियों में शाम के समय भी खास हलचल नहीं है. बारिश के कारण सब्जियों की आवक कम हो रही है. ये हाल तब है जब जून-जुलाई में पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि के कारण पहले ही सब्जियों के दाम बढ़ चुके थे. कुछ समय पहले तक प्याज 18 से 20 रुपये किलो मिल रहा था और आज़ 45 से 50 रूपये किलो हो गया है. 15 से 20 रूपये किलो मिलने वाला आलू अब 33 से 40 रूपये किलो पहुंच गया है, भिंडी 32 से 40 और टमाटर 50 रूपये किलो तक मिल रहा है.

सबसे ज्यादा हालात महाराष्ट्र एवं उसके पड़ोसी राज्यों में खराब हैं. यहां बाढ़ के कारण  प्याज के दाम में उछाल आया है। वहीं वाराणसी, जौनपुर, इलाहाबाद, फैजाबाद की मंडियों में भी सन्नाटा पसरा है. इस कारण गरीब एवं सामान्य वर्ग का बजट पूरी तरह से खराब हो गया है.

 ये है दाम बढ़ने का कारणः

इस बारे में एक सब्जी विक्रेता ने बताया कि बरसात के कारण पहले से रखी गई सब्जियों को अच्छे से सटोर करना मुश्किल हो रहा है और नई सब्जियां नहीं आ रही है, जिस कारण भाव बढ़ने लगे हैं. वहीं दाम बढ़ने का दूसरा सबसे बड़ा कारण जमाखोरी भी है. उन्होंने बताया कि सब्जियों के दाम बढ़ने से बिक्री ना के बराबर हो रही है, जिस कारण आमदनी प्रभावित हो रही है.

English Summary: vegetable price hike domestic budget effected
Published on: 05 September 2019, 06:53 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now