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Updated on: 11 March, 2024 2:19 PM IST
सोयाबीन की कीमतों में गिरावट

Soybean Price: देश में इन दिनों सोयाबीन की खेती करने वाले किसान काफी परेशान नजर आ रहे हैं. इसकी वजह है सोयाबीन के घटते दाम. दरअसल, देशभर की मंडियों में इन दिनों सोयाबीन को काफी कम दाम मिल रहा है. आलम ये हे की सोयाबीन के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी नीच लुड़क गए हैं. कीमतों में ये गिरावट इसी साल के शुरुआत से देखने को मिली है. जबिक, पिछले साल दिसंबर तक सोयाबीन को काफी अच्छा दाम मिल था, जिससे किसान काफी खुश थे. लेकिन, एक महीने में दाम नीचे लुड़क आए हैं. जिससे किसानों को घाटा हो रहा है. हालांकि, उन्हें उम्मीद है की आने वाले दिनों भाव में तेजी देखने को मिलेगी.

इसी वजह से घटे सोयाबीन के दाम

अगर आप सोच रहे हैं की कीमतों में ये गिरावट कम उपज या आवक के चलते आई है, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. दरअसल, कीमतों में गिरावट की असली वजह है अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन के उत्पादन में वृद्धि होने का अनुमान है. आपको बता दें की ब्राजील सोयाबीन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. ब्राजील के बाद अर्जेंटीना, अमेरिका और भारत जैसे देशों का नंबर आता है. भारत एवं विदेशों में होने वाली सोयाबीन की उपज का सीधा प्रभाव सोयाबीन के भाव पर पड़ता है. भारत में सोयाबीन के भाव पर इसलिए भी सबसे अधिक असर पड़ता है क्योंकि सरकार ने सोयाबीन के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगा रखा है. इसलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली तेजी-मंदी भारतीय बाजारों में सोयाबीन के भाव पर बड़ा असर डालती है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस साल उत्पादन में वृद्धि होने के अनुमान के चलते भारत में सोयाबीन की कीमतें कम होते दिखाई दे रही हैं.

आयात पर प्रतिबंध लगाने की उठी मांग

भावों में लगातार आ रही गिरावट के बावजूद सरकार ने सोयाबीन के आयात की छूट दे रखी है. जानकारों का कहना है कि देश में सोयाबीन का पर्याप्त उत्पादन हो रहा है, फिर आयात पर रोक क्यों नहीं लगाई जा सकती. सोयाबीन आयात पर यदि रोक लगाती है तो भाव में गिरावट नहीं होगी. इधर देश की कई मंडियों में सोयाबीन एमएसपी से नीचे बिकने लगा है. फिलहाल बड़ी तेजी की आशा कम है. ऐसी स्थिति में किसान वर्ग की मांग है कि आयात पर बंदिश लगा दी जानी चाहिए.अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन के उत्पादन में वृद्धि की संभावना से वैश्विक बाजार दबाव में हैं. ब्राजील एवं अर्जेंटीना सोया सोयाबीन के सबसे बड़े निर्यातक हैं, इसलिए उत्पादन में वृद्धि की वजह से भारतीय सोया मील का कारोबार प्रभावित हुआ है. आइए जानते हैं देशभर की मंडियों में सोयाबीन को क्या भाव मिल रहा है.

देशभर की मंडियों का हाल

केंद्र सरकार ने सोयाबीन पर 4600 रुपए/क्विंटल का MSP तय कर रखा है. लेकिन, देश की लगभग सभी मंडियों में सोयाबीन का दाम MSP से नीचे चल रहा है. केंद्रीय कृष‍ि व क‍िसान कल्याण मंत्रालय के एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार, सोमवार (11 मार्च, 2024) को देश की एक आद मंडी को छोड़कर लगभग सभी मंडियों में दाम MSP से नीचे रहा. कई मंडियों में दाम 3500 रुपए/क्विंटल तक कम हो गया है, जिससे किसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है. बात चाहे मध्य प्रदेश की हो, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र या फिर राजस्थान की. इन सभी राज्यों में सोयाबीन के दाम काफी कम हो गए हैं. किसानों को उम्मीद है आने वाले दिनों में दाम फिर ऊपर चढ़ेंगे, जिससे उन्हें मुनाफा होगा. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार के आंकड़े कुछ और की कहानी बता रहे हैं.

यहां देखें अन्य फसलों की लिस्ट

बता दें कि किसी भी फसल का दाम उसकी क्वालिटी पर भी निर्भर करता है. ऐसे में व्यापारी क्वालिटी के हिसाब से ही दाम तय करते हैं. फसल जितनी अच्छी क्वालिटी की होगी, उसके उतने ही अच्छे दाम मिलेंगे. अगर आप भी अपने राज्य की मंडियों में अलग-अलग फसलों का दाम देखना चाहते हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट https://agmarknet.gov.in/ पर जाकर पूरी लिस्ट चेक कर सकते हैं.

English Summary: Soybean mandi bhav latest price
Published on: 11 March 2024, 02:20 PM IST

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