फलों और सब्जियों का सड़ना या पकना एक बड़ी समस्या है. इन फलों और सब्जियों की ताजगी उपभोक्ताओं तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाती है. इसकी पीछे की मुख्य समस्या रेफ्रिजरेटेड ट्रकों या वैन की अनुपलब्धता और सभी स्थानों पर बिजली की खराब उपलब्धता है. कटी हुई फसलों के सड़ने से स्थानीय स्तर पर भी बर्बादी होती है, विशेष रूप से भारत जैसे देश के लिए, जिसमें 350 मिलियन से अधिक गरीब लोग हैं, जो एक दिन में दो वक्त का भोजन का खर्च उठाने में असमर्थ हैं.भारत विभिन्न कारणों से अपनी कुल फसल उत्पादन का लगभग 38 फीसद हर साल खो देता है, जिनमें मुख्य कारण एक कुशल बाजार लिंकेज प्रणाली की कमी के साथ-साथ बड़े पैमाने पर जलवायु के अनुकूल भंडारण करने के स्थान की अनुपस्थिति से है. यह भारतीय किसानों के एक बड़े हिस्से की आय को गंभीर रूप से प्रभावित करता है.
बता दे कि सौर ऊर्जा के उपयोग में वृद्धि के साथ, कई भारतीय कंपनियों ने भंडारण कमरे और क्यूबिकल विकसित किए हैं, जो सौर ऊर्जा द्वारा संचालित हैं. जो फसल के जीवन को लगभग 10 गुना बढ़ाने के साथ ही किसानों की आय में भी बढ़ोतरी करते हैं. भारत में कोल्ड स्टोरेज में कुल खर्च का लगभग 28-30 प्रतिशत ऊर्जा खर्च होता है. इसका अर्थ है कि कोल्ड स्टोरेज सुविधा को बनाए रखने के लिए विद्युत ऊर्जा एक प्रमुख चालू लागत है. इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रिड बिजली की आपूर्ति इसकी मात्रा और गुणवत्ता के संबंध में बहुत खराब है. यह भारत में कोल्ड स्टोरेज रूमों की कमी और एक एकीकृत कोल्ड चेन की स्पष्ट कमी के पीछे एक मुख्य कारण है. अगर इसकी पूर्ति कर दी जाएं तो ताजी सब्जियों और फलों की तरह खराब होने वाले सामानों को स्टोर, संरक्षित किया जा सकता है.
गौरतलब है कि किसान सौर ऊर्जा की मदद से अपने उत्पादों को अधिक लंबी अवधि तक संरक्षित रख सकते है, इससे उन्हें न केवल लाभ मिल सकेगा बल्कि वे अपनी फसल को तब भी बेच सकेंगे जब उन्हें सही कीमत देने वाला खरीदार मिल जाए.पिछले कुछ वर्षों में, सौर ऊर्जा से चलने वाले स्टोरेज का विकास दुनिया भर में होड़ बन गया है, जिसमें कई स्टार्ट-अप और स्थापित रेफ्रिजरेशन कंपनियाँ समान रूप से किसानों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार कूलिंग रूम स्थापित करने के लिए कई विकल्प प्रदान कर रही हैं. सौर ऊर्जा से चलने वाला कोल्ड स्टोरेज भारतीय किसानों की जरूरतों के लिए एक आदर्श प्रतिक्रिया प्रदान करता है क्योंकि यह फलों, सब्जियों और अन्य खराब होने वाले फसल के नुकसान की समस्या को पर्याप्त रूप से रोकथाम करता है. इनमें, फसल को साफ प्लास्टिक के बक्से में रखा जाता है, जिसे बाद में ठंडे कमरे में रख दिया जाता है. यह दो दिनों से लेकर लगभग 21 दिनों तक फल, सब्जियों और अन्य खराब होने वाले भोजन की ताजगी को बरकरार रखता है.