लॉकडाउन के बीच एक तरफ जहां सड़कें सुनसान हैं, वहीं बाजार बंद पड़े हैं. इस बीज सब्जियों के भाव भी आसमान छूने लगे हैं. दो दिनों में ही सब्जियों की कीमत बढ़ गई है. सामान्य सब्जियों में 30 से 40 फीसदी तक की बढ़त देखी जा सकती है. इसका एक कारण सप्लाई का कम होना भी है. हालांकि थोक मंडी की कीमतों में अधिक अंतर नहीं आया है.
जमाखोरी के कारण बढ़े दाम
लोगों की आवाजाही पर इस समय प्रतिबंध लगा हुआ है, जिस कारण एक ही बार में अधिक से अधिक सब्जियों को खरीदने की होड़ लगी हुई है. लोग बड़ी मात्रा में सब्जियों का भंडारण कर रहे हैं. हालांकि सरकार लोगों को बार-बार ये बता रही है कि फल-सब्जियों को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन फिर भी लोग हैं कि सुनने को तैयार नहीं.
सप्लाई में आई कमी
विशेषज्ञों के मुताबिक डिमांड और सप्लाई के मध्य बड़ा गैप उभरा है, जिस कारण सब्जियों के दाम में अचानक उछाल आया है. वहीं मौके की आड़ लेकर मुनाफाखोरों ने भी कालाबाजारी करनी शुरू कर दी है.
लॉकडाउन के बाद सब्जियों के दाम
लॉकडाउन के बाद से आलू के दाम 30 रुपए प्रति किलो हो गए हैं. वहीं प्याज का दाम 21 से बढ़कर 40 रुपए प्रति किलो हो गया है. टमाटर 20 की जगह 40 और सेब 120 की जगह 200 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है.
आजदपुर मंडी का हाल
लॉकडाउन के बाद से ही सप्लाई पर असर पड़ा है. आजादपुर सब्जी मंडी में इसका असर साफ दिखाई देता है. लॉकडाउन से पहले जहां 3000 ट्रकों के सहारे फल-सब्जियां दिल्ली आती थीं, वो अब घटकर 1500 पर आ गई हैं.
दरअसल लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने पड़ताल की प्रक्रिया तेज कर दी है. अधिकतर ट्रक मालिकों के पास गाड़ी के पर्याप्त कागज नहीं हैं, जिस कारण पुलिस कार्यवाही का उन्हें सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में ट्रकों की आवाजाही कम हो गई है.