जायटॉनिक टेक्नोलॉजी: क्यों है खेती का समग्र और स्थायी समाधान? सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 9 December, 2020 9:30 AM IST
Vegetables

लॉकडाउन के बाद से महंगाई सातवें आसमान पर चली गई है, आलम ये है कि आम आदमी के लिए आलू-प्याज तक खाना दूभर है. लेकिन अब साल के अंत में आखिरकार एक अच्छी खबर आई है. दरअसल दिसंबर के आगमन के साथ ही मंडियों के दामों में गिरावट देखी जा रही है. विशेषकर आलू-प्याज के दाम एकाएक अचानक गिरे हैं.

लॉकडाउन के बाद से महंगाई सातवें आसमान पर चली गई है, आलम ये है कि आम आदमी के लिए आलू-प्याज तक खाना दूभर है. लेकिन अब साल के अंत में आखिरकार एक अच्छी खबर आई है. दरअसल दिसंबर के आगमन के साथ ही मंडियों के दामों में गिरावट देखी जा रही है. विशेषकर आलू-प्याज के दाम एकाएक अचानक गिरे हैं.

कम हुए आलू-प्याज के दाम

कल तक जो आलू 40 से 50 रुपये किलो में बिक रहा था, आज वो तपाक से गिरकर 20 रुपये किलो हो गया है. कुछ यही हाल प्याज का भी है. इस समय इसके दाम में भी 20 से 30 रूपए तक की गिरावट देखी जा रही है. हैरान कर देने वाली बात ये है कि किसान आंदोलन के बाद अधिकतर सीमाएं बंद है, लेकिन फिर भी सब्जियों के दाम कम हुए हैं.

बंगाली आलू ने किया दामों प्रहार

आज आलू की कीमतों में गिरावट की बड़ी वजह पश्चिम बंगाल है. यहां से आने वाले आलुओं ने स्टोर किए हुए सभी आलुओं की हवा निकाल दी है. फिलहाल अधिकतर मंडियां बंगाली आलू से भरी हुई है.

पश्चिम बंगाल सरकार के आदेश का प्रभाव

ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रदेश के सभी 465 कोल्ड स्टोरेज मालिकों को निर्देश दिया था कि वो 30 नवंबर तक अपना बचा स्टॉक खाली करें. ऐसा न करने पर दंडात्मक कार्यवाही की बात कही गई थी. अपने आदेश में सरकार ने साफ कहा था कि इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए.

मांग से अधिक सप्लाई

शाहदरा मंडी में सब्जी विक्रेताओं से बात करने पर मालुम हुआ कि दिसंबर में मांग की अपेक्षा सब्जियों की सप्लाई अधिक हुई है, जिस कारण दाम अचानक से कम हुए हैं.

इन सब्जियों पर राहत

फिलहाल इस समय बाजार में मटर, टमाटर और प्याज के साथ-साथ फलों के दाम भी कुछ कम हुए हैं. परवल और भिंडी को छोड़कर सभी तरह की सब्जियां सस्ती हुई है.

दाम और कम होने की संभावना

थोक कारोबारियों से बात करने पर पता लगा कि दो महीनों तक सब्जियों की भरपूर आवक बनी रहेगी, जाड़े के मौसम में वैसे भी सब्जियां मार्केट में रहती है. फिलहाल बहुत कुछ गाड़ियों के भाड़े पर निर्भर करता है.

तेल कीमतों से बढ़ेंगे सब्जियों के दाम

आपको मालुम ही होगा कि सरकारी तेल कंपनियों द्वारा डीजल -पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है. डीजल के दाम 25 से 31 पैसे बढ़ गए हैं तो पेट्रोल भी 30 से 33 पैसे तक हो गया है. तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद ट्रकों का भाड़ा बढ़ेगा, जिसका बोझ व्यापारियों से होते हुए आम आदमी पर आएगा.  

English Summary: price of vegetables and fruits reduced due to good suply know more about it
Published on: 09 December 2020, 09:33 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now