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Updated on: 17 February, 2024 3:41 PM IST
प्याज की कीमतों में भारी गिरावट

Onion Price: प्याज का निर्यात बंद होने के बाद से दो महीने से अधिक का समय बीत चुका है. लेकिन, अभी तक किसानों को सरकार ने कोई राहत नहीं दी है. जिसका असर किसानों पर साफ देखा जा सकता है. सरकार के फैसले के बाद प्याज की कीमतों में भारी गिरावट आई है. जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. मंडियों में प्याज की आवक बढ़ गई है और कीमतें काफी कम हो गई हैं. अब ये कहना गलत नहीं होगा की प्याज किसानों के आंसू निकाल रहा है. क्योंकि, किसान अपनी लागत तक नहीं निकाल पा रहे हैं.

प्याज की कीमतों में आई गिरावट का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र के किसानों पर पड़ा है. महाराष्ट्र की मंडियों में किसानों को सबसे कम दाम मिल रहे है. आलम ये है की किसानों को 3 से 4 रुपये प्रति किलो में अपनी उपज बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है. स्थानिय किसानों का कहना है की महाराष्ट्र में सबसे ज्याद प्याज की खेती होती है और यहां के ज्यादातर किसान प्याज की खेती पर ही निर्भर हैं. जिससे यहां के किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है. किसानों को राहत देने की दिशा में सरकार को कदम उठाने चाहिए.

सरकार वापल ले अपना फैसला

बता दें कि निर्यात बंदी से सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के किसान प्रभावित हुए हैं. प्याज की बढ़ती कीमतों के चलते सरकार ने 7 दिसंबर 2023 की देर रात को प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद घरेलू बाजार में आवक इतनी बढ़ गई है कि कुछ मंडियों में तो दो-दो दिनों पर नीलामी हो रही है. महाराष्ट्र की सोलापुर मंडी उन्हीं मंडियों में से एक है. जहां, किसानों को 3 से 4 रुपये में संतोष करना पड़ रहा है. महाराष्ट्र की ज्यादातर मंडियों का यही हाल है. क‍िसानों का कहना है क‍ि जब तक न‍िर्यात बंदी का फैसला वापस नहीं होगा तब तक क‍िसानों का नुकसान होता रहेगा. ऐसे में किसानों ने सरकार ने जल्द अपने फैसले को वापस लेने को कहा है.

इन मंडियों में सबसे कम है दाम

महाराष्ट्र एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि राहुरी मंडी में 16 फरवरी को 6795 क्विंटल प्याज की आवक हुई. आवक ज्यादा बढ़ने के कारण यहां पर न्यूनतम दाम 100, अधिकतम 1500 और औसत दाम 800 रुपये प्रति क्विंटल रहा. इसी तरह सोलापुर मंडी में 16 फरवरी को रिकॉर्ड 33,327 क्विंटल प्याज बिकने के लिए आया. यहां न्यूनतम दाम 100, अधिकतम 2000 और औसत दाम 1000 रुपये प्रति क्विंटल रहा.

सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है महाराष्ट्र

न‍िर्यात बंदी से सबसे ज्यादा नुकसान महाराष्ट्र के क‍िसानों को हो रहा है. क्योंक‍ि भारत का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र है. इसके बाद मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा भी प्रमुख उत्पादक हैं. साल 2021-22 में प्याज उत्पादन में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 43 फीसदी थी. उसके बाद 15 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है. महाराष्ट्र के नास‍िक ज‍िले में लासलगांव एश‍िया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है.

अन्य राज्यों की मंडियों के हाल 

केंद्रीय कृष‍ि व क‍िसान कल्याण मंत्रालय के एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार, शनिवार (17 जनवरी) को मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की मंडी में प्याज सबसे कम दाम पर बिका. महाराष्ट्र की सीहोर मंडी में प्याज को 406 रुपये/क्विंटल का भाव मिला. जबकि, मध्य प्रदेश की यावल मंडी में दाम 440 रुपये/क्विंटल रहा. इसी तरह, महाराष्ट्र की सैलाना और मनासा मंडी में भी दाम 443 रुपये/क्विंटल रहा. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की मंडियों के दाम अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम हैं. क्योंकि, यहां प्याज का उत्पादन ज्यादा होता है और आवक बढ़ने के चलते किसानों को रेट नहीं मिल रहा है. वहीं, बात अगर अन्य राज्यों की मंडियों की करें तो वहां दाम मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से बेहतर हैं.

English Summary: Onion Price huge fall in prices that farmers unable to get profit farmers selling onion at 1 rupees per kg
Published on: 17 February 2024, 03:42 PM IST

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