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Updated on: 19 February, 2021 5:52 PM IST

अनाज के व्यापार में किसानों एवं व्यापारियों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए अब केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. दरअसल केंद्र सरकार अनाज की खरीद का विकेन्द्रीकरण (डिसेंट्रलाइजेशन) करने जा रही है.

अब अनाज का व्यापार एफसीआई की बजाय राज्यों के जरिए सीधे होगा. इसके लिए बाकायदा राज्य सरकारों को सब्सिडी दी जाएगी. राज्यों से खरीद होने के बाद अब अनाज एफसीआई तक पहुंचेंगे. अनाज की गुणनत्ता चेक करने की जिम्मेदारी राज्यों की होगी.

क्या होगा लाभ

अनाज की बिक्री आसान हो सकेगी, क्योंकि विभिन्न स्तरों पर कार्यो का बंटवारा हो जाएगा और कार्यो से संबंधित जिम्मदारियां तय हो जाएंगी. इसके साथ ही किसानों एवं व्यापारियों को वित्तीय स्वायतता भी मिलेगी, जिसके अंतर्गत वो क्षेत्रीय स्तर की इकाईयों से ही सेवाओं का लाभ उठा सकेंगें. विकेन्द्रीकरण का एक लाभ यह भी होगा कि प्रशासनिक कार्यों के लिए अब केंद्र पर निर्भर नहीं रहना होगा और क्षेत्रीय स्तर पर आवश्यक प्रशासनिक अधिकारी /कर्मचारी जवाबदेह होंगे.

किसानों को होगा फायदा

विशेषज्ञों का मानना है कि अनाज की खरीद का विकेन्द्रीकरण करना किसानों के लिए फायदेमेंद होगा, क्योंकि इससे स्थानीय स्तर पर समस्याओं को समझना और उनका निवारण करना आसान हो जाएगा. स्थानीय स्तर के अधीकारी अधिक तेजी से निर्णय ले सकेंगें, जिस वजह से कार्यों में तेजी आएगी और अनावश्यक विलम्ब नहीं होगा.

धनराशि का होगा सही उपयोग

अनाज की खरीद राज्यों द्वारा किए जाने पर इस कार्य से जुड़े राशि का सही उपयोग हो पाएगा, क्योंकि वो स्थानीय लोगों की निगरानी में होगा. वहीं विकेन्द्रीकृत खरीद व्यवस्था से विकास योजनाओं के नियोजन एवं क्रियान्वयन में स्थानीय लोगों की सक्रिय भागेदारी सुनिश्चित हो सकेगी. इतना ही नहीं खरीद कार्यो की प्राथमिकता अलग-अलग राज्य अपने यहां के स्थानीय स्तर और वातावरण की आवश्यकताओं के अनुरूप तय कर सकेंगें.

English Summary: now state government will directly purchase grain and sell to FCI
Published on: 19 February 2021, 05:55 PM IST

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