त्योहारों के मौसम में सरसों के भाव में तेजी से उछाल आया है, जिससे किसानों को फायदा होने की पूरी संभावना बन रही है. विदेश में खाद्य तेलों के भाव भी बढ़ रहे हैं और त्योहारी सीजन के बढ़ते मौके पर सरसों के तेल की मांग भी बढ़ रही है. भारत के कई राज्यों में सरसों का मूल्य 5600 से 6600 रुपये प्रति कुंतल से भी अधिक हो गया हैं, और कुछ राज्यों में यह 7000 रुपये प्रति कुंतल तक पहुँच गया है. ब्रांडेड कंपनियों ने सरसों के भाव में वृद्धि की है. उदाहरण के तौर पर, आगरा के प्लांट पर सरसों के मूल्य 175 रुपये बढ़कर 7025 रुपये पहुँच गए हैं.
सरसों के मूल्यों में इस तरह की वृद्धि आई है, क्योंकि बाज़ार में तेजी दिख रही है और भारतीय घरेलू बाज़ार में सरसों, सरसों का तेल और सरसों खल की मांग बढ़ गई है. इससे सरसों के मूल्यों में वृद्धि हो रही है और यह दिवाली से पहले और भी बढ़ सकते हैं.
सरसों अब और भी गति पकड़ेगा!
त्योहारी सीजन की शुरुआत और अंतरराष्ट्रीय खाद्य तेल बाज़ार में मजबूती के कारण भारतीय घरेलू बाज़ार में सरसों, सरसों तेल और सरसों खल की मांग बढ़ गई है. इसके परिणामस्वरूप, सरसों के मूल्य में वृद्धि हुई है. इससे स्पष्ट हो रहा है कि दिवाली से पहले यहाँ के बाज़ार में बहुत बड़ा उछाल आने वाला है.
पाम और कच्चे तेल के उत्पादन में कमी
इसके अलावा, मलेशिया और इंडोनेशिया में पाम तेल के उत्पादन में कमी होने की आशंका है और पाम तेल के पीक टाइम के उत्पादन में भी कमी पाई गई है. इसके कारण, वहाँ पर भी भविष्य में स्टॉक कम हो सकता है. साथ ही, ओपेक देशों द्वारा कच्चे पेट्रोलियम के उत्पादन में कटौती से इसके दाम लगातार बढ़ रहे हैं. जैसा कि स्वाभाविक है, पेट्रोल के दाम बढ़ने से आयात महंगा हो जाता है और स्थानीय बाज़ार में फसलों के मूल्यों पर भी असर पड़ रहा है.
विदेशी बाजारों की अपडेट
विदेशी बाजारों के संदर्भ में बताया जा रहा है कि मलेशिया में पाम तेल की कीमत में तेजी देखी जा रही है. इसकी पीछे अलनीनो के प्रभाव और मौसम की अवस्था का असर है, जिसके कारण दक्षिण पूर्व एशिया में पाम तेल के उत्पादन में कमी हो सकती है. इन घटनाओं के परिणामस्वरूप, मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज पर दिसम्बर वायदा अनुबंध के भाव में 3.81% की तेजी के साथ सातवें कार्य दिवस में 141 रिंगिट यानी 3841 रिंगिट प्रतिदिन हो गए. इस दौरान शिकागो बोर्ड के इलेक्ट्रॉनिक व्यापारिक प्लेटफार्म (CBOT) पर दिसम्बर महीने की सोया तेल के अनुबंध में 0.33% की तेजी दर्ज की गई है.
सरसों के दामों में वृद्धि
सोमवार को जयपुर में सरसों का मूल्य 5775 रुपए प्रति कुंतल पर खुला, जिसका मतलब है कि शनिवार की शाम को यह 5950 रुपए प्रति कुंतल पर बंद हुआ. इस प्रकार, पिछले सप्ताह में सरसों के मूल्य में 175 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि दर्ज की गई. यदि हम सलोनी की बात करें, तो प्लांटो ने भी भाव में 200 रुपए प्रति कुंतल की वृद्धि की है, जिसके बाद भाव 6400 प्रति कुंतल पर पहुँच गया है.
सरसों और सरसों तेल में मजबूती
यह बात खुशी की है कि सरसों तेल कच्ची घानी और सरसों आयल एक्सपेलर के मूल्य भी पिछले हफ्ते के दौरान बढ़े हैं. जिसके साथ ही, सरसों की खल के मूल्य में वृद्धि भी देखी जा रही है. जयपुर में सरसों की खल का मूल्य सोमवार को 3005 रुपए पर खुलकर शनिवार को 3065 पर बंद हुआ. इस प्रकार, पिछले सप्ताह में प्रति क्विंटल 60 रुपए की वृद्धि दर्ज की गई है.
सरसों की आगे की स्थिति कैसी हो सकती है?
पिछले वर्ष 2022 के अक्टूबर से नवंबर के मध्य के दौरान सरसों में ₹1000 की वृद्धि दर्ज की गई थी और जयपुर में सरसों के मूल्य सीजन के उच्चतम स्तर के करीब 6050 रुपए के पास थे, क्योंकि महत्त्वपूर्ण समर्थन का काम कर रहे थे. घरेलू बाज़ार की खबर के अनुसार, जयपुर में सरसों तेल कच्ची खाने और एक्सप्लेन कीमतें शुक्रवार को 14-14 रुपए तक बढ़कर 1289 और 1269 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुँच गई. इस दौरान, सरसों खल की कीमत स्थिर बनी रही और यह ₹2400 प्रति क्विंटल पर है.