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Updated on: 23 April, 2020 4:46 PM IST

लॉकडाउन के कारण पूरी दुनिया में व्यापार जगत परेशान है. अर्थव्यवस्था घुटनों पर आ गई है. विशेषज्ञों की माने तो आने वाले दिनों में कृषि जगत पर भी आर्थिक शिथिलता (Recession) का प्रभाव पड़ेगा. इस बात के संकेत अभी से मिलने लगे हैं. कृषि उत्पाद बनाने वाली कंपिनियां भारी घाटे में जा चुकी है, फार्म मशीनरी का हाल भी बेहाल है और किसानों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है.

हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले कि उपज को ही बेचना किसानों को मुश्किल प्रतीत हो रहा है. लॉकडाउन के कारण पूरे देश का कारोबार प्रभावित हो रहा है.

इस साल आम के व्यापार को भारी नुकसान हो रहा है. अच्छी उपज होने के बाद भी मिट्टी के दाम पर आम बिक रहे हैं. लॉकडाउन के कारण बाजार में ग्राहकों की भीड़ नहीं है. कुछ राज्यों में तो भारी बारिश के कारण किसान पहले से ही आम के बौर गिरने से परेशान थे, अब रही सही कसर लॉकडाउन ने पूरी कर दी है.

अल्फांसों किसानों को भी हुई निराशा

महाराष्ट्र के रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग की तरह कई जिलों के किसान इस समय परेशान हैं. अल्‍फांसो आम की इस समय बाजार में मांग नहीं है. राज्य में कोरोना के केस को देखते हुए उन्हें उम्मीद भी नहीं कि लॉकडाउन जल्दी खुल सकेगा, ऐसे में भविष्य की चिंता सताने लगी है.

मजदूरों की कमी भी किसानों कर रही है परेशान

ये अजीब विडंबना है कि एक तरफ लाखों लोग लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हो गए हैं और दूसरी तरफ मजदूर न मिलने से किसानों का काम प्रभावित हो रहा है. लॉकडाउन के कारण पेड़ों से आम तोड़ने के लिए किसानों को मजदूर नहीं मिल रहे हैं. इस कारण न तुड़ाई हो पा रहा है और न ही इनकी समय पर पैकिंग हो पा रही है. बता दें कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो किसानों को आम की फसल में 70 से 80 प्रतिशत तक नुकसान होगा.

English Summary: mango farmers facing heavy loss due to lockdown know more about it
Published on: 23 April 2020, 04:49 PM IST

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