Mandi Bhav: देश में मटर का सीजन अब शुरु हो चुका है और सीजन की शुरुआत में ही किसानों के चेहरे मायूस नजर आ रहे हैं. वैसे तो सीजन की शुरुआत होते ही किसानों के चेहरे पर एक खुशी देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार स्थिति बिल्कुल इससे उलट है. मटर के सीजन में अच्छी कमाई करने वाले किसान इस बार उनकी उपज के सही दाम न मिलने से परेशान नजर आ रहे हैं. मटर के दाम इतने गिर गए हैं की किसान अपनी लागत भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं. अमूमन, सीजन की शुरुआत में मटर 60 से 70 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकता है. लेकिन, इस बार किसानों की उपज 10 से 15 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है. देश की एक आद मंडी को छोड़कर ज्यादातर मंडियों में किसानों की उपज ओने पौने दाम पर बिक रही है. आइए आपको बताते हैं की देश की अलग-अलग मंडियों में किसानों को मटर के क्या दाम मिल रहे हैं.
देश की अलग-अलग मंडियों में क्या है ताजा भाव
केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय के एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार, देश की ज्यादातर मंडियों में किसानों को बेहद कम दाम मिल रहे हैं. बुधवार को सिर्फ मध्य प्रदेश की इंदौर मंडी में मटर 4 हजार रुपये/क्विंटल के हिसाब से बिका. इसके अलावा गुजरात की पद्रा मंडी में मटर 3750 रुपये/क्विंटल, सूरत मंडी में 3000 रुपये/क्विंटल, हिमाचल के मंडी जिले की मंडी में 3000 रुपये/क्विंटल और कांगड़ा मंडी में 2700 रुपये/क्विंटल के हिसाब से बिका. देश की अन्य मंडियो में किसानों को मटर का औसतन भाव 1300 से 1600 रुपये/क्विंटल मिल रहा है.
इन वजहों से गिरे मटर के दाम
मटर के दाम गिरने के पिछे कई कारण बताए जा रहे हैं. जिसमें से एक मौसम भी है, जो अभी तक मटर के अनुकूल ठंडा नहीं हुआ है. जिसकी वजह से किसानों की मटर की खेती प्रभावित हुई है. अनुकूल ठंडा न होने के चलते इस बार मटर की क्वालिटी पर असर पड़ा है. ऐसा नहीं है की इस बार मटर का उत्पादन कम हुआ है. बंपर उत्पादन के बाद भी किसानों को उनकी फसल का सही दाम नहीं मिल पा रहा है. देश की मंडियो में खपत से ज्यादा मटर पहुंच रही हैं, जो मटर के सही दाम न मिलने का एक और कारण है.
किसानों का कहना है कि शुरुआती तौर के मटर 60 से 70 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिका करती थी. लेकिन इस बार व्यापारी 15 से 20 रुपए किलो में ही उनसे मटर खरीद रहे हैं. जिसके चलते किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. बता दें कि व्यापारी भी क्वालिटी के हिसाब से मटर के दाम तय करते हैं. जिस क्वालिटी का मटर अभी किसानों के खेत से निकल रहा है, वह उस हिसाब से ही उसका दम दे रहे हैं.