लॉकडाउन के कारण सभी तरफ हाहाकार मचा हुआ है. हर क्षेत्र की तरह कृषि क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा है. इसी का प्रमाण है कि 25 दिनों बाद गुरुवार को कृषि उपज मंडी समिति बिलाड़ा खुला तो, लेकिन जिंसों के क्रय विक्रय का कार्य हो नहीं सका. पहली बात को मंडी खुलने के बाद भी किसान यहां आए ही नहीं. जो मंडी कभी गुलजार रहती थी, लॉकडाउन के कारण वहां पहले दिन मात्र चार किसान ही गेहूं बेचने के लिए आए.
इन चार किसानों को भी यहां आने के बाद निराशा ही हाथ लगी. बुझे मन से इनमें से दो किसानों ने 35 क्विंटल गेंहू बेचा, लेकिन वो खुश नहीं दिखे. बाकि के दो किसान तो इतने निराश हुए कि उचित दाम नहीं मिलने पर खाली हाथ ही वापस लौट गए.
पूरे दिन किसान लोगों का इंतजार करते रहे, लेकिन यहां मात्र 48 लोगों का ही आना हुआ. कोरोना संक्रमण के कारण कृषि मंडी बिलाड़ा की जो तस्वीर दिखाई दी, वो शायद पहले कभी किसानों ने नहीं देखी थी. कृषि मंडी ऐसे सुनसान पड़ा है, जैसे यहां कभी कुछ था ही नहीं.
यहां के कृषि उपज मंडी समिति व्यापार मंडल बिलाड़ा के अध्यक्ष महेंद्रसिंह राठौड़ ने मीडिया को बताया कि कोरोना के खतरे को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का मुख्य रूप से पालन किया जा रहा है.
इन जिंसों का हो रहा क्रय विक्रय
मंडी में सौंफ, जीरा, इसबगोल को के अलावा बाकि सभी तरह के जिंसों का क्रय विक्रय हो रहा है. नए नियम के मुताबिक किसान प्रात: 8 बजे से 12 तक ही मंडी में प्रवेश कर सकते हैं. बता दें कि बिलाड़ा कृषि मंडी सौफ व जीरे के लिए देशभर में विख्यात है. यहां से सौंफ व जीरा देश के हर कोने में पहुंचता है. पिछले साल यहां सौंफ की आवक 24549 हुई थी.