RFOI Awards 2024: नीतूबेन पटेल के सिर सजा 'रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया' अवार्ड का ताज: कृषि उद्यमिता और प्राकृतिक खेती में अद्वितीय योगदान की मिली मान्यता RFOI Awards 2024: युवराज परिहार को MFOI अवार्ड्स 2024 में मिला ‘फ़र्स्ट रनर-अप रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया’ अवार्ड MFOI Award 2024: भारत के प्रगतिशील किसानों का भव्य सम्मान समारोह, कार्यक्रम में सैकड़ों कृषकों ने लिया भाग केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 22 November, 2018 11:54 AM IST
By:

केन्या ने चाय की पैदावार में भारत को पीछे छोड़ दिया है. मौजूदा फसल वर्ष की दूसरी छमाही में केन्या ने रिकॉर्ड स्तर पर चाय का उत्पादन किया है. जिससे भारत को चाय के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कठिन प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. केन्या ने चाय के तीन प्रमुख बाजारों - यूरोप, पाकिस्तान और मिस्र के बाजार में पैठ बना ली है नतीजतन वैश्विक बाजार में भारतीय चाय की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है.

वैश्विक बाजार में भारतीय चाय की कीमतें 2018 की पहली छमाही में 2017 के मुकाबले 10 फीसदी अधिक थीं. जो अब दूसरी छमाही में गिरकर निचले स्तर पर आ गईं हैं. चाय निर्यातकों का कहना है कि वैश्विक बाजार में केन्या के मजबूत दखल के बाद भारत के लिए पिछले साल के 240.68 मिलियन किग्रा के निर्यात को पार करना मुश्किल होगा.

मौजूदा वर्ष में केन्या के चाय उत्पादन में पिछले साल की अपेक्षा 50 मिलियन किग्रा की वृद्धि हुई है. इस वर्ष अफ्रीकी देशों में अच्छी बारिश हुई है जिससे चाय के उत्पादन में भारी बढ़ोतरी हुई है. इसने 'ब्लैक-टी' पीने वालों के लिए मुफीद माहौल तैयार करने में भूमिका अदा की है. बाजार में अधिक माल आने से इसके दामों में प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है और अपनी बिक्री को बनाये रखने के लिए विक्रेता देश अपनी चाय की कीमतों को कम करने के लिए मजबूर हैं. लिहाजा उपभोक्ताओं को इसका फायदा मिल रहा है. भारत भी इसकी मार झेल रहा है. जनवरी-सितंबर 2017 में, भारत ने 173.52 मिलियन किलोग्राम चाय निर्यात की थी. इसमें अब गिरावट का रुख देखा जा रहा है.

रोहिताश चौधरी, कृषि जागरण

English Summary: Kenya leaves India behind in tea production
Published on: 22 November 2018, 11:55 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now