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Updated on: 10 August, 2022 4:07 PM IST
अरहर और उड़द दालों की कीमत

देश में जहां एक तरफ महंगाई का सिलसिला जारी है, वहीं दूसरी ओर भारी बारिश होने के कारण फसल को भी नुकसान पहुंच रहा है. देखा जाए तो इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ने वाला है.

आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों से अरहर और उड़द दालों की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला है. इसका मुख्य कारण खरीफ सीजन में भारी बारिश और जलजमाव के चलते खेतों में हुई कम बुवाई है. 

अरहर की बढ़ी कीमत (Arhar price hiked)

महंगाई की मार का असर इस बार दालों पर सबसे पहले पड़ा है. बता दें कि महाराष्ट्र के लातूर में 6 हफ्ते में अरहर दाल की कीमतें 97 रुपए से बढ़कर 115 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है, जिसे लोग अरहर और उड़द की दाल (urad dal) खरीदने में हिचक रहे हैं. इसकी जगह लोग अन्य खाद्य सामग्री खरीद रहे हैं. जो इसके मुकाबले कम कीमत पर बाजारों में उपलब्ध है.  

फसल की बुवाई में हुई कटौती (crop sowing decreased)

कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए खरीफ फसलों की बुवाई (sowing of kharif crops) के आकड़ों के मुताबिक, देश के क्षेत्रों में जितनी तुअर की बुवाई हुई है. वह बीते कुछ सालों में करीब 4.6 प्रतिशत तक कमी के साथ हुई है. जिसके चलते उड़द दाल की बुवाई भी 2 प्रतिशत तक क्षेत्र में कम हुई है. बुवाई कम होने का कारण भारी बारिश और जलजमाव रहा है. जिसका नुकसान किसानों को भुगतना पड़ रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात के क्षेत्रों में उड़द की फसल को बेहद नुकसान पहुंचा है.

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इसके अलावा आरबीआई (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी बताया है कि इस बार खरीफ फसलों में धान की बुवाई (paddy sowing) बहुत कम हुई है. इस विषय पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है. क्योंकि इस बार दालों के साथ चावल के उत्पादन में भी भारी मात्रा में कमी देखी गई है. बात दे कि इस साल पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में धान की बुवाई में कमी हुई है.

English Summary: Increased price of tur and urad pulses in the market, know the reason behind it
Published on: 10 August 2022, 04:11 PM IST

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