Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 10 August, 2022 4:07 PM IST
अरहर और उड़द दालों की कीमत

देश में जहां एक तरफ महंगाई का सिलसिला जारी है, वहीं दूसरी ओर भारी बारिश होने के कारण फसल को भी नुकसान पहुंच रहा है. देखा जाए तो इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ने वाला है.

आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों से अरहर और उड़द दालों की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला है. इसका मुख्य कारण खरीफ सीजन में भारी बारिश और जलजमाव के चलते खेतों में हुई कम बुवाई है. 

अरहर की बढ़ी कीमत (Arhar price hiked)

महंगाई की मार का असर इस बार दालों पर सबसे पहले पड़ा है. बता दें कि महाराष्ट्र के लातूर में 6 हफ्ते में अरहर दाल की कीमतें 97 रुपए से बढ़कर 115 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है, जिसे लोग अरहर और उड़द की दाल (urad dal) खरीदने में हिचक रहे हैं. इसकी जगह लोग अन्य खाद्य सामग्री खरीद रहे हैं. जो इसके मुकाबले कम कीमत पर बाजारों में उपलब्ध है.  

फसल की बुवाई में हुई कटौती (crop sowing decreased)

कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए खरीफ फसलों की बुवाई (sowing of kharif crops) के आकड़ों के मुताबिक, देश के क्षेत्रों में जितनी तुअर की बुवाई हुई है. वह बीते कुछ सालों में करीब 4.6 प्रतिशत तक कमी के साथ हुई है. जिसके चलते उड़द दाल की बुवाई भी 2 प्रतिशत तक क्षेत्र में कम हुई है. बुवाई कम होने का कारण भारी बारिश और जलजमाव रहा है. जिसका नुकसान किसानों को भुगतना पड़ रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात के क्षेत्रों में उड़द की फसल को बेहद नुकसान पहुंचा है.

ये भी पढ़ें : किसान परिवार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगे: कैलाश चौधरी

इसके अलावा आरबीआई (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी बताया है कि इस बार खरीफ फसलों में धान की बुवाई (paddy sowing) बहुत कम हुई है. इस विषय पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है. क्योंकि इस बार दालों के साथ चावल के उत्पादन में भी भारी मात्रा में कमी देखी गई है. बात दे कि इस साल पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में धान की बुवाई में कमी हुई है.

English Summary: Increased price of tur and urad pulses in the market, know the reason behind it
Published on: 10 August 2022, 04:11 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now