बारिश का मौसम आते ही मक्के की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है. पिछले एक सालों पर गौर करें तो पाएंगें कि हाजिर बाजार में मक्के की कीमतों में करीब 800 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है. बता दें कि इस समय हाजिर बाजार में मक्कों की खास मांग है और लोग 2400 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर इसे खरीद रहे हैं. एक साल पहले इसी दौरान मक्का का भाव 1,600 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास था.
वहीं मंडियों में भुट्टे की पकड़ मज़बूत बनते ही महानगरों में भी इसकी मांग देखी जा रही है. सिका हुआ देशी भुट्टा तो फैशन की तरह शहरों में युवाओं को पसंद आ रहा है. इसके अलावा स्वादिष्ट सब्जियों एवं खाद्य पदार्थों जैसे स्टेक, चिकन या अलग-अलग सब्जियों से बनें व्यंजनों में साइड डिश की तरह इस्तेमाल के कारण भी भुट्टे की मांग बढ़ी है.
इस समय दिल्ली के रिहायशी क्षेत्रों में सिका हुआ भुट्टा 15 से 20 रूपये पीस बिक रहा है, जबकि ग्रामिण क्षेत्रों में 10 से 15 रूपये में आप इसका आनंद ले सकते हैं. आजादपुर सब्जी मंड़ी में सब्जीवालों से बात करने पर पता लगा कि कर्नाटक, राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से आने वाले भुट्टों की मांग सबसे अधिक है.
वहीं दूसरी तरफ मक्के के दाम बढ़ने से पॉल्टी उद्योग की परेशानियां बढ़ती नज़र आ रही है. मक्के की मांग में बढ़ोतरी होने के कारण पॉल्ट्री (मुर्गी पालन) उद्योग और स्टार्च मिलों में फिलहाल हताशा देखा जा रहा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मक्के की बढ़ती कीमतों पर रोश जाहिर करते हुए पॉल्ट्री और स्टार्च मिल मालिकों ने सरकार से आग्रह किया है कि वह सस्ते दामों पर मक्का उन्हें उपलब्ध कराए एवं उपलब्धता बढ़ाए. व्यापारिक सूत्रों की माने तो आने वाले कुछ हफ्तों में मक्के के दामों और बढ़ सकते हैं.