नेपाली सब्जियों का भारतीय मंडियों में उतरना किसानों के साथ-साथ व्यपारियों को भी डराने लगा है. दरअसल नेपाली मौसमी हरी सब्जियों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है, जिस कारण भारतीय सब्जियों के मांग में जबरदस्त गिरावट आई है. इन दिनों केवल प्याज और आलू को छोड़ दे तो कोई सब्जी ऐसी नहीं, जो नेपाल भारत में ना बेच रहा हो.
क्यों बढ़ रही है नेपाली सब्जियों की मांगः
बिहार, आसाम एवं बंगाल समेत यूपी में नेपाली सब्जियों की मांग अधिक है, जिसका एक कारण ये भी है कि वहां से सब्जियों को लाने का खर्चा कम है एवं भारत के मुकाबले वहां की सब्जियां अधिक सस्ती है.
इन नेपाली सब्जियों की है भारी मांगः
नेपाल में इस समय मौसमी हरी सब्जियां जैसे- गोभी, लौकी, शिमला मिर्च, चचेण, बंद गोभी,, परवल, हरी धनिया, मिर्च बैगन, बोडी, कटरुवा, पहाड़ी आलू, टमाटर व पत्ते वाली सब्जियों का उत्पादन प्रमुखता से किया जा रहा है. इन सब्जियों की भारत में भी भारी मांग है, लेकिन नेपाल में उगाई जाने वाली सब्दजियों के मुकाबले भारत की सब्जियां अधिक महंगी है.
भारतीय सब्जियों के दाम सातवें आसमान परः
गौरतलब है कि बीते कुछ समय में भारतीय सब्जियों की सप्लाई में गिरावट आई है, जिस कारण उनके दाम दोगुने हो गए हैं. फिलहाल शिमला मिर्च को छोड़कर बाजार में हर तरह की सब्जियों के दाम सातवें आसमान पर है. खेक्सा के दाम इस समय 40 रुपए पाव है, परवल 40 रुपए, लौकी 30 रुपए पाव एवं फूलगोभी भी 80 रुपए किलो मिल रही है.