सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 6 December, 2018 11:45 AM IST
By:

रबी सीजन में रकबा कम होने की आशंका के चलते चना हर दिन मजबूत हो रहा है. वायदा बाजार में चना करीब एक साल के ऊंचे स्तर पर पहुंच चुका है. चालू महीने में चने के दाम 20 फीसदी बढ़कर 4,700 रूपये प्रति क्विंटल पार कर गए हैं. देशभर में चने की बुवाई करीब 33 फीसदी और दलहन फसल की लगभग 28 फीसदी पिछड़ती दिख रही है. कमजोर बुवाई और बेहतरीन मांग की वजह से चने के भावों में आगे भी पूरी तेजी की संभावना है. वायदा बाजार में करीब एक साल के बाद चना 4,70 रूपये की सीमा को पार कर गया.

एनसीडीएक्स कारोबार के दौरान चना बाजार 4,741 रूपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया हालांकि यह 4,700रूपये के नीचे बंद हुआ. इस समय हाजिर बाजार में चने के दाम बढ़कर 4,700 रूपये प्रति क्विंटल के करीब पहुंच गए हैं. हाजिर बाजार में लगभग पूरा साल चना न्यूनतम समर्थन मूल्य के नीचे पर ही बिक रहा था. इस बार केंद्र सरकार ने चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,400 रूपये प्रति क्विटंल तय किया है.

चना के रकबे में आई कमी

चने के दामों में अचानक से आई तेजी की मुख्य वजह चालू रीब सीजन के रकबे का कम होना माना जा रहा है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी फसल बुवाई के आंकड़ों के मुताबिक 9 नवंबर तक देश में 27.137 लाख हेक्टेयर में चने की बुवाई हुई है जबकि पिछले साल की सामान्य अवधि में देश में चने का रकबा 40.462 लाख हेक्टेयर पहुंच गया था. चना उत्पादक सभी प्रमुख राज्यों में रकबा कम दिखाई दे रहा है. सबसे अधिक चना उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में रकबा 25.37 फीसद कम है. मध्य प्रदेश में 10 लाख हेक्टेयर में चने की बुवाई हो सकी है. जबकि पिछले साल इस समय तक 13 लाख हेक्टेयर में चने की बुवाई हो चुकी थी.

राज्यों में घट रहा उत्पादन

देश के चने के प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में बुवाई संतोषजनक न होने से उत्पादन कम होने की आंशका जताई जा रही है. इसके चलते करोबारी जमकर चने की खरीद करने में लगे हैं. चना कारोबारियों के अनुसार पिछले कई महीनों से मिलों की तरफ से मांग सुस्त थी जो इस समय रफ्तार पकड़ चुकी है. इसके अलावा त्योहारी सीजन के बाद शुरू हो रहे शादी विवाह के सीजन को देखते हुए मिलों में चने की मांग भी बढ़ने लगी है. घरेलू मांग के साथ ही विदेशी मांग भी बढ़ने की खबरें है. अप्रैल से सितंबर के बीच चने का निर्यात 172 प्रतिशत बढ़कर 120,664 टन हो गया है.

किशन अग्रवाल, कृषि जागरण

English Summary: Growing prices of gram by weak sowing
Published on: 06 December 2018, 11:47 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now