Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 19 September, 2019 5:14 PM IST

2019 लहसुन काश्तकारों के लिए अच्छे दिन लेकर आया है . मंडियों में ऊंचे भाव बने रहने के कारण बारिश में सहेजकर रखा गया लहसुन अब किसानों को फायदा दे रहा है. पिछले साल जहां लहसुन ने किसानों को खून के आंसू रूलाए थे, वहीं इस बार ये 170 रुपए किलो के अच्छे भाव बिकने के कारण मुस्कान की वजह बनी हुई है. 

जानकारी के मुताबिक बारां कृषि उपजमंडी में 17 हजार रूपए प्रति क्विंटल तक लहुसन के भाव बढ़ने से किसानों में खुशी की लहर देखी जा रही है. यही कारण है कि बारिश के समय बचाकर रखे गए लहसुन अब मंडियों में पहुंच रहे हैं. गौरतलब है कि इस साल सीजन की शुरुआत में ही लहसुन 11 हजार किलो तक पहुंच गया था. हालांकि कुछ दिनों बाद इसके भाव गिरने से ये 8 हजार पर भी आया था. लेकिन पिछले कुछ सप्ताहों से इसके भावों में बढ़त हो रही है. इस समय लहुसन के औसत भाव 11 हजार 500 रुपए प्रति क्विंटल लगभग चल रहे हैं. विशेषज्ञों की माने तो आने वाले समय में अभी इसके भावों में बढ़त होने की और उम्मीद है.

मौसम अनुकूल रहने की वजह से अच्छा उत्पादन

बता दें कि पिछले साल किसानों को लहसुन से अधिक मुनाफा नहीं हुआ था और भाव 3 से 11 रुपए किलो तक ही रहे थे. लहसुन की खेती पर निर्भर रहने वाले किसानों के लिए तो लागत की रकम भी वसूल नहीं हो पाई थी. मंडी विशेषज्ञों की माने तो इस बार बारां मंडी में करीब 10 साल बाद ऐसा हुआ है, जब देशी लहसुन के भाव 17 हजार तक पहुंचे हैं. इससे पहले 2009 के समय लहसुन से किसानों को अच्छा फायदा हुआ था और भाव 18 हजार प्रति क्विंटल से अधिक रह थे. वहीं 2018 में तो लहसुन किसानों को कम भाव मिलने के कारण जगह-जगह विरोध हुए थे. कुछ राज्यों से तो किसानों के आत्महत्या की खबरे भी आई थी.

English Summary: garlic price enhance by 170 rupees kg farmers are happy after 10 year
Published on: 19 September 2019, 05:17 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now