2019 लहसुन काश्तकारों के लिए अच्छे दिन लेकर आया है . मंडियों में ऊंचे भाव बने रहने के कारण बारिश में सहेजकर रखा गया लहसुन अब किसानों को फायदा दे रहा है. पिछले साल जहां लहसुन ने किसानों को खून के आंसू रूलाए थे, वहीं इस बार ये 170 रुपए किलो के अच्छे भाव बिकने के कारण मुस्कान की वजह बनी हुई है.
जानकारी के मुताबिक बारां कृषि उपजमंडी में 17 हजार रूपए प्रति क्विंटल तक लहुसन के भाव बढ़ने से किसानों में खुशी की लहर देखी जा रही है. यही कारण है कि बारिश के समय बचाकर रखे गए लहसुन अब मंडियों में पहुंच रहे हैं. गौरतलब है कि इस साल सीजन की शुरुआत में ही लहसुन 11 हजार किलो तक पहुंच गया था. हालांकि कुछ दिनों बाद इसके भाव गिरने से ये 8 हजार पर भी आया था. लेकिन पिछले कुछ सप्ताहों से इसके भावों में बढ़त हो रही है. इस समय लहुसन के औसत भाव 11 हजार 500 रुपए प्रति क्विंटल लगभग चल रहे हैं. विशेषज्ञों की माने तो आने वाले समय में अभी इसके भावों में बढ़त होने की और उम्मीद है.
मौसम अनुकूल रहने की वजह से अच्छा उत्पादन
बता दें कि पिछले साल किसानों को लहसुन से अधिक मुनाफा नहीं हुआ था और भाव 3 से 11 रुपए किलो तक ही रहे थे. लहसुन की खेती पर निर्भर रहने वाले किसानों के लिए तो लागत की रकम भी वसूल नहीं हो पाई थी. मंडी विशेषज्ञों की माने तो इस बार बारां मंडी में करीब 10 साल बाद ऐसा हुआ है, जब देशी लहसुन के भाव 17 हजार तक पहुंचे हैं. इससे पहले 2009 के समय लहसुन से किसानों को अच्छा फायदा हुआ था और भाव 18 हजार प्रति क्विंटल से अधिक रह थे. वहीं 2018 में तो लहसुन किसानों को कम भाव मिलने के कारण जगह-जगह विरोध हुए थे. कुछ राज्यों से तो किसानों के आत्महत्या की खबरे भी आई थी.