Mandi Bhav: देश की मंडियों में कपास की आवक शुरू होती ही कीमतों में भारी गिरावट आई है. कपास उत्पादक सभी क्षेत्रों में कटाई लगभग पूरी हो चुकी है और किसान अपनी उपज मंडियों में लेकर पहुंच भी रहे हैं. लेकिन, सही दाम न मिलने से किसानों के चेहरे मायूस नजर आ रहे हैं. आलम ये है की कपास के दाम MSP से नीचे पहुंच गए हैं. जिससे किसानों को घाटा हो रहा है. आइए आपको बताते हैं की देशभर की मंडियों में कपास किस भाव में बिक रहा है.
MSP से नीचे पहुंचा कपास का भाव
देश की ज्यादातर मंडियों में कपास की कीमतें किसानों को परेशान कर रही हैं. कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर बिक रहा है. देश के एक आद मंडी को छोड़ दें, तो लगभग सभी मंडियों में यही हाल है. फिलहाल, कपास पर सरकार ने 6620 (मध्यम स्टेपल)/7020 (लंबा स्टेपल) रुपये/क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर रखा है. लेकिन, कपास औसतन 6 हजार से 7 हजार रुपये/क्विंटल के बीच बिक रहा है. कुछ मंडियों में तो दाम 5 हजार रुपये/क्विंटल तक पहुंच गए हैं.
औसतन 6500 रुपये/क्विंटल में बिक रहा कपास
केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय के एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार, गुरुवार (21 दिसंबर) को मध्य प्रदेश की सैलाना मंडी, तमिलनाडु की बोडिनायक्कनूर मंडी और गुजरात की बाबरा मंडी को छोड़ दें, तो सभी मंडियों में दाम 7 हजार रुपये/क्विंटल से नीचे ही रहे. इन दो मंडियों में दाम 8600, 8200 और 8000 रुपये/क्विंटल रहा.
वहीं, देश के अन्य राज्यों की बात करें तो आंध्र प्रदेश की अडोनी मंडी में कपास 6989 रुपये/क्विंटल, हरयाणा की उचाना मंडी में 6940 रुपये/क्विंटल, कर्नाटक की रायचूर मंडी में 7000 रुपये/क्विंटल के हिसाब से बिका. जो इन राज्यों में गुरुवार को कपास की सबसे ज्यादा कीमत रही. इसी तरह तेलंगाना, राजस्थान, पंजाब समेत अन्य राज्यों में कपास औसतन 6500 रुपये/क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है.
क्या है कम कीमत मिलने का कारण?
बताया जा रहा है कि कपास का रकबा बढ़ने और उत्पादन अधिक होने की वजह से कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है. हालांकि, किसान सही दाम न मिलने से परेशान हैं. कई किसान कम कीमत पर अपनी उपज बेचने को राजी नहीं हैं. इसके अलावा कई क्षेत्रों में बेमौसमी बारिश के चलते भी कपास की क्वालिटी पर असर पड़ा है.