PM Kisan Update: 4 राज्यों के किसानों को मिली 21वीं किस्त, जानें बाकी किसानों को कब तक मिलेगा लाभ? Weather Update: यूपी, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड समेत इन राज्यों में होगी बारिश, जानिए अपने यहां का पूरा मौसम अपडेट Sankalp Retail: देशभर में कृषि-इनपुट खुदरा व्यापार को बदलना और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देना किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 22 October, 2019 4:09 PM IST
Maize Farming

कड़ी मेहनत के बाद किसानों का मक्का बिकने के लिए तैयार है. लेकिन सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य पर यूपी प्रदेश में विवाद बढ़ गया है. हालात ये हैं कि किसानों ने सरकार को मक्का बेचने के स्थान पर डायरेक्ट बाज़ार का रूख कर लिया है. एटा में सरकार ने खरीद के लिए चार केंद्र खोले हैं, लेकिन पांच दिनों के बाद भी इन केंद्रों पर किसान मक्का बेचने नहीं पहुंच रहे हैं.

क्या है सरकार से नाराजगी

सरकारी केंद्रों पर किसान मक्का बेचने से किनारा कर रहे हैं, इसके कई कारण हैं. पहला तो ये कि मंडी के भाव के मुकाबले सरकारी भाव बहुत कम है और दूसरा ये कि सरकार द्वारा भुगतान में विलंब होता है.

कहां हुई है गड़बड़ी

विशेषज्ञों की माने तो किसानों की नाराजगी जायज है. शासन ने यहां 45 हजार क्विंटल का लक्ष्य तो रख दिया है, लेकिन ये ध्यान नहीं दिया कि बाज़ार में व्यापारी किस भाव में मक्का खरीदने को तैयार हैं. वहीं दूसरी तरफ किसानों को अपने मक्के का भुगतान जल्दी से जल्दी चाहिए, जबकि सरकारी प्रक्रिया ऐसी है कि कई-कई दिनों तक इन्हें भुगतान नहीं मिलता है.

बाजार और सरकारी भाव में कितना है अंतर

सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य 1760 रुपये है, जबकि मार्केट में 1700 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर 2100 रुपये प्रति क्विंटल मक्के के भाव पहुंच गए हैं. इतना ही नहीं मार्केट में उन्हें नकद रुपये में भुगतान हो रहा है जो सुविधाजनक है.

क्या है किसानों का कहना

इस बारे में बात करने पर किसानों ने कहा कि सरकार ने जो भाव तय किये हैं वो बहुत कम है, जबकि मार्केट में अच्छा मुनाफा हो रहा है. इतना ही नहीं त्यौहारी मौसम पास होने के कारण इस समय पैसों की अधिक जरूर है लेकिन सरकारी केंद्रों पर नकद में भुगतान नहीं हो रहा है.

English Summary: Corn farmers are not happy with the government support price want to sell their crops in market
Published on: 22 October 2019, 04:12 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now