Chana Price: चने की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. मंडियों में नए चने ने दस्तक दे दी है और अच्छी बात ये है की चने की नई फसल को काफी अच्छा दाम मिल रहा है. नए चने की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. जिससे किसानों को फायदा हो रहा है. दरअसल, इस बार चने का रकबा घटने के चलते उत्पादन में कमी आने की संभावना है. इसके अलावा, शादियों के सीजन लिए स्टॉकिस्टों और दाल मिलों द्वारा इसकी खरीद बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. जिस वजह से कीमतों में तेजी देखी जा रही है. चने की कीमतों में तेजी अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की दाम 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल को पार कर चुके हैं. वहीं, बाजार जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में भी चने की कीमतों में और तेजी आ सकती है.
5 फीसदी तक बढ़े चने के थोक भाव
इन दिनों चने की कीमतों में तेजी देखी जा रही है. बीते 10 दिन के दौरान प्रमुख मंडियों में चना के थोक भाव 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ चुके हैं. देशभर की मंडियों में चना MSP से दोगुनी कीमत पर बिक रहा है. मौजूदा वक्त में केंद्र सरकार ने चने पर 5440 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर रखा है. देश की लगभग सभी मंडियों में नए चने की कीमतें MSP से ऊपर चल रही हैं.
केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय के एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार, सोमवार (8 अप्रैल) को महाराष्ट्र की औरंगाबाद मंडी में चने को सबसे ज्यादा भाव मिला. यहां चना 10,200 रुपये/क्विंटल में बिका. इसी तरह, केरल की पलक्कड़ मंडी में चना 9000 रुपये/क्विंटल, महाराष्ट्र की शहादा मंडी में 8021 रुपये/क्विंटल, केरल की मंजेरी मंडी में 7600 रुपये/क्विंटल, कर्नाटक की शिमोगा मंडी में 7500 रुपये/क्विंटल और केरल की हरसूद मंडी में 7452 रुपये/क्विंटल के भाव में बिका. देश की अन्य मंडियों में भी चना औसतन 5440 के MSP से ऊपर ही बिक रहा है.
उतपादन में 15 फीसदी की गिरावट का अनुमान
चने की कीमतों में आ रही इस तेजी की प्रमुख वजह चने के रकबा में गिरावट आना है. ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में 102.90 लाख हेक्टेयर में चना बोया जा चुका है, जो पिछले साल की समान अवधि के रकबा 109.73 लाख हेक्टेयर से करीब 6 फीसदी कम है. आईग्रेन इंडिया में कमोडिटी विश्लेषक राहुल चौहान ने कहा कि चने की बोआई कम होने से उत्पादन भी घटने की संभावना है. वहीं, कमोडिटी विश्लेषक इंद्रजीत पॉल कहते हैं कि इस साल चने की पैदावार में 15 फीसदी गिरावट आ सकती है. उत्पादन घटने की आशंका में चने की कीमतों में तेजी आ रही है. नेफेड के पास भी चने का करीब 10 लाख टन और निजी कारोबारियों के पास करीब 5 लाख टन का स्टॉक बचा है, जो मांग के हिसाब से सीमित स्टॉक कहा जा सकता है.
जानकारों के मुताबिक आगे शादियों के सीजन में दाल मिलों की ओर से चने का मांग और बढ़ सकती है. ऐसे में आगे चने की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है. पॉल के अनुसार चने के दाम बढ़कर औसतन 6,350 और अधिकतम 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल को पार कर सकते हैं.
यहां देखें अन्य फसलों की लिस्ट
बता दें कि किसी भी फसल का दाम उसकी क्वालिटी पर भी निर्भर करता है. ऐसे में व्यापारी क्वालिटी के हिसाब से ही दाम तय करते हैं. फसल जितनी अच्छी क्वालिटी की होगी, उसके उतने ही अच्छे दाम मिलेंगे. अगर आप भी अपने राज्य की मंडियों में अलग-अलग फसलों का दाम देखना चाहते हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट https://agmarknet.gov.in/ पर जाकर पूरी लिस्ट चेक कर सकते हैं.