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जानें BHOG सर्टिफिकेट क्या होता है और FSSAI इसे कैसे जारी करता है?

आमतौर पर जब हम किसी धार्मिक स्थल पर जाते हैं, तो हमारे मन में यह संदेह रहता है कि यहां पर खाद्य सामग्री की ज्यादा मांग होने की वजह से उनकी गुणवत्ता से कोई समझौता तो नहीं किया गया है. अगर आपके साथ भी ऐसा हो होता है, तो आप निश्चिंत हो जाइए. क्योंकि दिल्लीज सरकार ने राजधानी के सभी प्रमुख धार्मिक स्थभलों को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण यानी FSSAI से BHOG सर्टिफिकेट प्राप्त करने को कहा है. दरअसल ये सर्टिफिकेशन सभी तरह के ‘प्रसाद’ और ‘लगर’ पर लागू होगा.

विवेक कुमार राय
BHOG
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आमतौर पर जब हम किसी धार्मिक स्थल पर जाते हैं, तो हमारे मन में यह संदेह रहता है कि यहां पर खाद्य सामग्री की ज्यादा मांग होने की वजह से उनकी गुणवत्ता से कोई समझौता तो नहीं किया गया है. अगर आपके साथ भी ऐसा हो होता है, तो आप निश्चिंत हो जाइए. क्योंकि दिल्‍ली सरकार ने राजधानी के सभी प्रमुख धार्मिक स्‍थलों को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण यानी FSSAI से BHOG सर्टिफिकेट प्राप्त करने को कहा है. दरअसल ये सर्टिफिकेशन सभी तरह के ‘प्रसाद’ और ‘लगर’ पर लागू होगा.

गौरतलब है कि श्रद्धालुओं को मिलने वाले प्रसाद की क्‍वॉलिटी और सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए ‘Eat Right campaign’ के तहत ये सुझाव दिया गया है. वही धर्मिक स्‍थलों पर भी खाने-पीने की चीजों को लेकर स्‍वास्‍थ्‍य स्‍टैंडर्ड को बनाए रखने के लक्ष्‍य से इस तरह के सर्टिफिकेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्‍ली के अक्षरधाम मंदिर और साईं बाबा मंदिर ने पहले से ही पूरी ट्रेनिंग और ऑडिट पूरा करने के बाद BHOG सर्टिफिकेशन प्राप्‍त कर लिया है. इसके अलावा, कई अन्‍य धार्मिक स्‍थल भी ‘भोग सर्टिफिकेशन’ प्राप्‍त करने के लिए फूड सेफ्टी विभाग से बातचीत कर रहे हैं. ताकि भोग सर्टिफिकेशन मिलने के बाद प्रसाद तैयार करते समय इसकी सुरक्षा और स्‍वच्‍छता दोनों सुनिश्चित की जा सके.

क्‍या है BHOG सर्टिफिकेशन?

अब बात करते हैं BHOG सर्टिफिकेशन की जो एक तरह की खास पहल है, जिसके तहत धार्मिक स्‍थलों को सर्टिफिकेशन के लिए चिन्हित किया जाता है. इसमें प्रसाद बेचने वाले वेंडर्स और पैक व खुले में उपलब्‍ध खाने-पीने की चीजें शामिल होती हैं. इस सर्टिफिकेशन की वैलिडिटी, जारी होने की तिथि से आगामी दो वर्षों तक होती है.

वहीं, इसके फंडिंग सपोर्ट को धार्मिक स्‍थल की अथॉरिटी, राज्‍य का संबंधित विभाग या CSR के जरिए कॉरपोरेट करेंगे. अगर अनुपालन न करने का कोई बड़ा मामला सामने आता है, तो राज्‍य का संबंधित विभाग इसके खिलाफ जरूरी कार्रवाई कर सकता है. अगर इसके बाद भी सुधार नहीं देखने को मिलता है, तो सर्टिफिकेट को कैंसिल भी किया जा सकता है. साथ ही अगले अनुपालन रिपोर्ट सबमिट किए जाने तक सर्टिफिकेट जारी नहीं होगा.

अब बात करते हैं कि आखिर ये BHOG सर्टिफिकेट मिलता कैसे है?

  • सबसे पहले तो इसकी ऑडिट होती है.

  • फिर मंदिर या अन्‍य धार्मिक स्‍थल FSSAI द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त किसी तीसरी पार्टी की एजेंसी से ऑडिट करवाते हैं.

  • इसके बाद उन्‍हें क्‍वॉलिटी के आधार पर कुछ स्‍टार देने होते हैं. इसके बाद इन स्‍थलों पर खाने-पीने की चीजों से जुड़ी वस्‍तुओं को हैंडल करने वाले व्‍यक्तियों की ट्रेनिंग होती है. उन्‍हें यह ट्रेनिंग ‘फूड सेफ्टी ट्रेनिंग एंड सर्टिफिकेशन’ द्वारा दी जाती है.

  • अगर पहले ऑडिट के संतोषजनक नतीजे नहीं मिलते हैं, तो दूसरी बार ऑडिट किया जाता है.

  • इसके बाद संबंधित फूड सेफ्टी कमीश्नीर द्वारा CEO से सर्टिफिकेशन जारी करने की सिफारिश की जाती है.

  • जिसके बाद FSSAI की ओर से ट्रेनिंग और ऑडिट की रिपोर्ट के साथ BHOG सर्टिफिकेशन जारी कर दिया जाता है.

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English Summary: what is bhog certificate and how does fssai issue it? Published on: 19 July 2021, 04:11 PM IST

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