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Cotton Farming: Pink Bollworm ने महाराष्ट्र में मचाया कहर, जानें कैसे करें इसका नियंत्रण

जहां गुलाबी सूंडी (Pink Bollworm) का प्रकोप पंजाब में है. वहीं, अब महाराष्ट्र (Maharashtra) के किसानों के लिए भी यह सिरदर्द बन गया है. गुलाबी सूंडी कपास में लगने वाला एक कीट है जो फसल को खराब कर देता है.

रुक्मणी चौरसिया
Pink Bollworm
Pink Bollworm

जहां गुलाबी सूंडी (Pink Bollworm) का प्रकोप पंजाब में है. वहीं, अब महाराष्ट्र (Maharashtra) के किसानों के लिए भी यह सिरदर्द बन गया है. गुलाबी सूंडी कपास में लगने वाला एक कीट है जो फसल को खराब कर देता है.

देशभर के विभिन्न उद्योग खिलाड़ियों के अनुसार, भारत का कपास फसल (Cotton Crop) उत्पादन प्रारम्भिक अनुमान से कम हो सकता है, क्योंकि यह बारिश और कीटों के हमले से काफी प्रभावित हुआ है.

महाराष्ट्र के उठाए गए कदम (Steps taken by Maharashtra)

पिंक बॉलवर्म या गुलाबी इल्ली ने पिछले साल भी महाराष्ट्र में कपास की फसल पर कहर बरपाया था, जिसमें किसानों को भारी नुकसान हुआ था. तब से राज्य के कृषि विभाग ने एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM) को विकसित करने के लिए व्यापक आउटरीच कार्यक्रम शुरू किए थे.

आईपीएम प्रथाओं ने जल्दी बुवाई को हतोत्साहित किया था और फेरोमोन ट्रैप के उपयोग के बारे में भी बात की थी. अब ऐसे में इसपर और विचार करने की जरुरत है, क्योंकि भारत में इसका प्रकोप साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है.

बड़ी मात्रा में उगता है कपास (Grows cotton in large quantities)

कपास एक महत्वपूर्ण खरीफ फसल है और महाराष्ट्र में आमतौर पर इस फसल के तहत लगभग 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र आता है. विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बुवाई शत-प्रतिशत पूर्ण हो चुकी है, लेकिन गुलाबी सूंडी ने इन फसलों को बर्बाद करना शुरू कर दिया है.

ऐसे में अगर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया जाता है, तो आने वाले समय में कपास की खेती में भारत को भारी गिरावट का सामना करना पड़ेगा.

गुलाबी सूंडी है गंभीर विषय (Pink Bollworm is a serious topic)

पिंक बॉलवॉर्म का संक्रमण एक प्रमुख चिंता का विषय है. मौसम के प्रभाव से ज्यादा चिंता की बात यह है कि पिंक बॉलवर्म के कारण पैदा हुई समस्याएं कपास में आर्थिक रूप से विनाशकारी कीट हैं, जिससे कपास उगाने वाले किसानों को कई प्रतिशत तक नुकसान होता है. साथ ही गुलाबी बॉलवॉर्म किसानों को अंगूर और तुअर जैसे पौधे तोड़ने पर मजबूर कर रहा है.

गुलाबी सुंडी का प्रबंधन (Pink Bollworm management)

कपास की फसल के लिए अगर कोई सबसे बड़ा दुश्मन कीट है, तो वह गुलाबी सूँडी (Pink Bollworm) है. जो अपना पूरा जीवन इसके पौधे पर बिताता है. यह कपास के छोटे पौधे, कली व फूल को नुकसान पहुंचाकर फसल को नष्ट कर देता है. इसका प्रकोप हर साल होता है.

इसके नियंत्रण के लिए कोरोमंडल के कीटनाशक फेन्डाल (Phendal 50 ई.सी.) का छिड़काव करें. फेन्डाल एक बहुआयामी कीटनाशक है. यह कीड़े पर लंबे समय तक नियंत्रण रखता है.

इसके अलावा, इसमें तेज तीखी गंध होती है, जो वयस्क कीट को अंडा देने से रोकती है. फेन्डाल के बारे में अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक https://bit.ly/3gU5Wt0 पर क्लिक करें.

इसके अतिरिक्त गूलर बनने तक 10 दिनों के अंतराल पर कीटनाशकों का छिड़काव करके कपास के गूलों को गुलाबी सूंडी से प्रभावी ढंग से बचाया जा सकता है.

Emamectin Benzoate 0.5 gm/L + Neemark 1% 1 mL/L के साथ रासायनिक नियंत्रण कपास में गुलाबी सुंडियों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए प्रभावी पाया गया है.

English Summary: Cotton Farming: Pink bollworm wreaks havoc in Maharashtra, know how to control it Published on: 30 November 2021, 12:54 PM IST

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