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अब किसानों को खाद की जरुरत, नहीं उठानी होंगी बोरियां, जानिए क्यों?

हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा है कि इफको द्वारा किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए नैनो तरल यूरिया (Nano Urea liquid) तैयार किया गया है. जो फसलों के लिए पारंपरिक यूरिया का अच्छा विकल्प है. उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया लिक्विड पारंपरिक रूप से उपयोग किए जा रहे दानेदार यूरिया से सस्ता है तथा पर्यावरण के अनुकूल है.

प्राची वत्स
कृषि में ड्रोन के महत्व.
कृषि में ड्रोन के महत्व.

खाद की कमी को देखते हुए अब कई अधिकारीयों ने इसका विकल्प खोजना शुरू कर दिया है. जिस तरह से इस बार खाद की कमी सामने आई है. उसको लेकर किसान से लेकर सरकार तक आने वाले समय के लिए परेशान है. ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और वहां के अधिकारीयों ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए इस पर कुछ कदम अपनी और से उठाए हैं.

आपको बता दें कि हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा है कि इफको द्वारा किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए नैनो तरल यूरिया (Nano Urea liquid) तैयार किया गया है. जो फसलों के लिए पारंपरिक यूरिया का अच्छा विकल्प है. उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया लिक्विड पारंपरिक रूप से उपयोग किए जा रहे दानेदार यूरिया से सस्ता है तथा पर्यावरण के अनुकूल है. सहकारिता मंत्री गुरुवार को रेवाड़ी के गांव गुमीना में सहकारी संस्था इफको की ओर से ‘नैनो तरल यूरिया का शुष्क खेती में महत्व’विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.

नैनो उरिया को लेकर किसानों की दी जानकारी

डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि जिले के प्रत्येक किसान को नैनो यूरिया के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया जाए. किसानों को अब खेत में 45 किलोग्राम का खाद बैग ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके लिए नैनो यूरिया तरल की 500 एमएल बोतल ही काफी रहेगी. उन्होंने कहा कि पर्यावरण व गुणवत्ता के लिहाज से यह अच्छी है. यूरिया का अधिक प्रयोग करने से फसल की गुणवत्ता में कमी आती है तथा मिट्टी स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचता है. नैनो यूरिया तरल का संतुलित इस्तेमाल फसलों को मजबूत व स्वस्थ्य बनाता है और ये सस्ता भी है. इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी.

ड्रोन से करें फसलों में स्प्रे

सहकारिता मंत्री ने कहा कि अधिक रसायनिक खादों के प्रयोग के कारण मिट्टी पर जो इसका नकारात्मक असर दिख रहा है उसके बारे में किसानों को विस्तार से बताया.  किसानों को अभी से सजग करते हुए कहा कि जैव उर्वरक एवं नैनो यूरिया का प्रयोग करते हुए रसायनिक खादों की 50 प्रतिशत मात्रा कम की जा सकती है. जिसके कारण मिट्टी के स्वास्थ्य में वृद्धि, खर्च में कमी तथा उत्पादन में भी वृद्धि होगी. इसका किसानों को पूरा लाभ मिलता है. उत्पादित अनाज की गुणवत्ता में सुधार होगा. साथ ही ड्रोन से कृषि इनपुट का स्प्रे बेहतर विकल्प है, इससे मेहनत और लागत में कमी होगी.

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यूरिया का कम करें इस्तेमाल

कार्यक्रम के दौरान जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक जय प्रकाश ने नैनो यूरिया के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी दी. इसके साथ ही एक क्रांतिकारी अविष्कार बताते हुए किसानों को पारंपरिक यूरिया कम करके नैनो यूरिया इस्तेमाल करने की सलाह दी. जिला सहकारी बैंक महेंद्रगढ़ के महाप्रबंधक प्रशांत यादव ने ‘सहकार से समृद्धि’ में इफको का महत्व बताते हुए किसानों को महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी दी. कृषि विशेषज्ञ ओमकार सिंह एवं आशीष पंवार ने फसल उत्पादन में नैनो यूरिया के महत्व को बताया.

नैनो उर्वरक से बढ़ेगी पैदावार

इफको के स्टेट मार्केटिंग मैनेजर डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने किसानों को कृषि में ड्रोन के महत्व के बारे में समझाया. किसानों से कहा कि नैनो उर्वरक के इस्तेमाल से खेती की लागत कम होगी और पैदावार बढ़ेगी. जैव उर्वरक को एक बेहतर विकल्प बताते हुए उन्होंने किसानों से इसका इस्तेमाल करने की सिफारिश की. इस मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) रामपुरा, रेवाड़ी के वरिष्ठ संयोजक डॉ. कपूर सिंह ने केवीके द्वारा चलाई जा रही किसान हितैषी योजनाओं की जानकारी दी.

English Summary: Now farmers do not need fertilizers! No need to lift sacks of manure Published on: 31 December 2021, 03:11 PM IST

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