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इन दोनों तरह की फूलगोभी की खेती साल भर करें, होगी लाखों में कमाई

अगर आप सब्जियों की खेती (Vegetable Farming) करते हो तो ऐसे में आपके लिए फूलगोभी (Cauliflower) के ये दो किस्में मुनाफे का एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती हैं...

मनीशा शर्मा
Cauliflower
Varieties of Cauliflower in india

हमारे देश में ज्यादातर किसान सब्जियों की ही खेती करते हैं ऐसी कई सब्जियां हैं जिनकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. इनमें से फूलगोभी भी एक महत्वपूर्ण फसल है. आमतौर पर फूलगोभी सर्दी के मौसम में उगाई जाती है, लेकिन आजकल कई उन्नत किस्में हैं जिन्हें अन्य मौसम में भी उगाया जा सकता है, उनमें से फूलगोभी की फसल (Cauliflower Crop) भी एक ऐसी ही फसल है.

क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से अगर देखा जाए तो फूलगोभी पंजाब की तीसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल में से एक है. फूलगोभी मूल रूप से सर्दियों की फसल (Winter Crop) है, लेकिन उचित किस्म के चयन के साथ इसे लगभग पूरे वर्ष उगाया जा सकता है. फलियाँ तैयार होने पर तापमान 23°C और फूल बनने पर 17-20°C होना चाहिए. इसे सभी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन रेतीली से बलुई दोमट मिट्टी में इसकी खेती सबसे अच्छी होती है.

फूलगोभी के उन्नत प्रकार (Varieties of Cauliflower)

मौसम के अनुसार पत्तागोभी की सही किस्म का चयन करना बहुत जरूरी है ताकि फसल छोटी न हो और फूल छोटे न हों. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (Punjab Agriculture University) ने पत्तागोभी की दो किस्मों- पूसा स्नोबॉल-1 (PUSA Snowball-1) और पूसा स्नोबॉल के-1 ((PUSA Snowball k-1) की सिफारिश की है.

फूलगोभी की बुआई, बीज की मात्रा एवं अंतर

शुरुआती मौसम की फसल के लिए जून से जुलाई, मुख्य मौसम की फसल के लिए अगस्त से मध्य सितंबर और देर से आने वाली फसल के लिए अक्टूबर से नवंबर का पहला सप्ताह पहले से तैयार धान को उखाड़ने और रोपने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है. अगेती फसल के लिए 500 ग्राम बीज और पछेती तथा मुख्य किस्मों के लिए 250 ग्राम बीज एक एकड़ फूलगोभी लगाने के लिए पर्याप्त हैं. अगेती और पछेती फसलों के लिए लाइनों और पौधों के बीच की दूरी 45 x 30 सेमी रखें और मुख्य फसल के लिए लाइनों और पौधों के बीच की दूरी 45 x 45 सेमी रखें.

फूलगोभी के लिए उर्वरक

इसलिए, प्रति एकड़ 40 टन सड़ी हुई खाद और 50 किलोग्राम नाइट्रोजन (110 किलोग्राम यूरिया), 25 किलोग्राम फॉस्फोरस (155 किलोग्राम सुपरफॉस्फेट) और 25 किलोग्राम पोटाश (40 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश) डालना आवश्यक है. पनीरी बोने से पहले खेत में खाद, पूरा फास्फोरस, पूरा पोटाश और आधा नाइट्रोजन उर्वरक डालें. नाइट्रोजन उर्वरक की शेष आधी मात्रा रोपण के चार सप्ताह बाद डालें.

फूलगोभी के लिए जल एवं खरपतवार नियंत्रण

खेत में धान रोपने के तुरंत बाद पहला पानी लगाएं, ताकि पौधे जड़ पकड़ें और कम मरें. इसके बाद मिट्टी के प्रकार और मौसम के आधार पर गर्मियों में 7-8 दिनों और सर्दियों में 10-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई की जा सकती है. कुल 8-12 सिंचाईयों की आवश्यकता होती है. अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए खेत को खरपतवार मुक्त रखना चाहिए जिसके लिए समय पर निराई-गुड़ाई करनी चाहिए.

फूलगोभी की फसल काटना

जैसे ही फूल विपणन योग्य आकार के हो जाएं, उन्हें काट देना चाहिए. तोड़ने में देरी के परिणामस्वरूप फूल बिखर जाते हैं और विपणन योग्य नहीं रह जाते हैं. विपणन टोकरियों में रखें. इन बातों को अपनाकर किसान वीर गोभी की खेती में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें इसकी पूरी जानकारी रूमा देवी, सब्जी विज्ञान विभाग द्वारा दी गयी है. इसका स्रोत: पंजाब कृषि विश्वविद्यालय है.

English Summary: Cultivate both these types of cauliflower throughout the year, earning in lakhs Published on: 12 August 2023, 11:14 AM IST

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