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मेरा गांव

मेरे गांव जितना सुंदर कोई गांव न होगा कोई नहीं है इसका मोल कोई भाव न होगा सुघर सलोने बच्चे सारे करते हैं अटखेलियां जहां सुनाते अक्सर बूढ़े, कहानी और पहेलियां ताल तलैया बाग बगीचे, पोखर खेत खलिहान हैं कहीं सुनाता मंत्र और घंटी, और कहीं अजान है

मेरे गांव जितना सुंदर कोई गांव न होगा

कोई नहीं है इसका मोल कोई भाव न होगा

सुघर सलोने बच्चे सारे करते हैं अटखेलियां

जहां सुनाते अक्सर बूढ़े, कहानी और पहेलियां

ताल तलैया बाग बगीचे, पोखर खेत खलिहान हैं

कहीं सुनाता मंत्र और घंटी, और कहीं अजान है

शहद से मीठी बोली सबकी, कहीं ऐसा स्वभाव न होगा

मेरे गांव जितना सुंदर कोई गांव न होगा

मिलना जुलना प्यार से रहना, ही इसकी पहचान है

दूर्गापूजा, दंगल, मेला, रामलीला ही शान है

कालेज बैंक बाजार है सब कुछ, विकसित गांव है मेरा

सभी जातियां रहती हिलमिल, ना तेरा ना मेरा

चिड़ियां चहके मधुर राग में, दूसरा कठिरांव न होगा

मेरे गांव जितना सुंदर कोई गांव न होगा

मिलनसार हैं सब नवयुवक, नहीं किसी से बैर है

हां, गर देखे कोई बैरी, तो उसकी न कोई खैर है

कोर्ट कचहरी थाना पुलिस, ये सब सपने की बातें

झगड़ा फसाद सब मिलजुल कर, आपस में ही सुलझाते

सदा बने रहें सब ऐसे, फिर कोई टकराव न होगा

मेरे गांव जितना सुंदर कोई गांव न होगा

शीतल मंद सुगंध पवन बहे, जब चले पुवईया

झूम-झम के नाचें गायें, भाभी ननद अंगनईया

गुंजन करते भंवरें तितली, बागों और फुलवारी में

तरह-तरह के फसल लगे हैं, खेतों और क्यारी में

हरियाली बिखरी है इतनी, जैसा सावन न होगा

मेरे गांव जितना सुंदर कोई गांव न होगा

सुंदर फल के बाग बगीचे, और फूलों का उपवन है

महुआ बेर बेल नीम सभी, अमरूद आम का कानन है

चहुंओर संपदा भरी पड़ी है इस पावन धरणी में

उठा सको तो खूब उठा लो, गर ताकत हो करणी में

नागवार लगे गर बात मेरी, सज़ा देना अन्याय न होगा

मेरे गांव जितना सुंदर कोई गांव न होगा

डाक्टर शिक्षक इंजिनियर सब है मेरे गांव में

नई-नई उपलब्धि रोज, सफलता रहती पांव में

ईद दशहरा दीवाली कजरी, चाव से खूब मनाते हैं

होली के रंगो में रंग कर, फाग कबीरा गाते हैं

नाचें खुशी से धरा दिशायें, पवन का ठहराव न होगा

मेरे गांव जितना सुंदर कोई गांव न होगा

नर नारी और जीव पशु पक्षी, सब मस्ती में रहते हैं

पुत्र पिता की अनुज अग्रज की, बात न टाला करते हैं

देव तुल्य नर है यहां, लक्ष्मी स्वरूप सब नारी हैं

पावन धरती के पावन जन, सम्मान के सब अधिकारी हैं

गांव को दो आशिष हे भगवन, कभी बिखराव न होगा

मेरे गांव जितना सुंदर कोई गांव न होगा

English Summary: My village Published on: 09 September 2017, 04:23 IST

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